भोपाल – प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान व आदर करते हैं। यह सर्वसम्मति वाला फैसला है।
उन्होंने कहा कि भाईचारा, मोहब्बत और आपसी सौहार्दता खराब न हो, इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है बल्कि प्रदेश के हर व्यक्ति की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छिटपूट घटनाओं को छोड दे तो प्रदेश में अभी तक पूरी तरह से शांति है। उन्होंने विश्वास जताया है कि मध्यप्रदेश, देश में सुख शांति और अमन-चैन का एक बार फिर से उदाहरण बनेगा।
उन्होंने प्रदेश के नागरिकों से अपील की कि वे इस फैसले के विरोध या जश्न का हिस्सा न बनें। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा हुई है। शाह ने शांति व्यवस्था के लिए सहयोग की पेशकश की थी जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि अभी मध्यप्रदेश में इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि राज्य की पुलिस ने काफी दिनों से तैयारी कर रखी है।
कमलनाथ ने बताया कि फैसले के बाद अभी तक प्रदेश में पूरी तरह से शांति है।
कुछ छिटपुट घटनाओं की सूचना आईं हैं जिनमें से एकाध घटना तो अयोध्या फैसले से जुड़ी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने रविवार के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। वे भोपाल में ही रहेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शनिवार को जबलपुर, मंडला व रविवार को इंदौर जाने वाले थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अयोध्या के फैसले को राजनीतिक चश्मे से देखे जाने के सवाल पर कहा कि धर्म को राजनीतिक मंच पर नहीं ला सकते।
किसी ने अगर ऐसा सोचा है तो वह बहुत गलत है।
मुख्यमंत्री ने फैसले पर शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज द्वारा नाराजगी व्यक्त किए जाने पर टिप्पणी करने से इनकार किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण किया जाए तो जल्द निर्माण होना चाहिए।भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह के कानून व्यवस्था के नाम पर एक वर्ग विशेष के लोगों को टारगेट किया जाने संबंधी बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोई किसी का टारगेट नहीं है।