Keral Donate – ईद-उल-अजहा में अब कुछ ही दिन और रह गए हैं।
ऐसे में ईद-उल-अजहा से पहले इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया ने देश के मुसलमानों से अपील की हैं, की इस त्यौहार मनाने के लिए तय किए गए खर्च की रकम का कम से कम 10 फीसद हिस्सा केरल में बाढ़ पीड़ित लोगों को दिया जाए। गौरतलब हैं की पिछले कुछ दिनों से केरल में हो रहीं मूसलाधार बारिश से केरल के हालात काफी गंभीर हैं। पुरे देश भर से केरल के लिए मदद की जा रहीं हैं। केरल में आई बाढ़ से अब तक 370 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। जबकि कई हज़ारों लापता हैं।
केरल में इस हालात को देखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष और ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि बकरीद कुर्बानी के सच्चे जज्बे के मुजाहिरे का त्यौहार हैं। इस वक्त केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों को हमारी मदद की सख्त जरूरत हैं।
उन्होंने कहां की केरल में इस गंभीर हालात को देखते हुए, मेरी मुसलमानों से अपील है कि त्यौहार के मौके पर हर मुसलमान इस त्यौहार को मनाने के लिए बनाए गए बजट का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा राहत कोष में भेजे, ताकि वहां के लोगों की मदद हो सके।
बता दे की मौलाना रशीद ने एक सवाल पर कहा ये त्यौहार मनाए जाने से, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद घोषित सात दिन के राष्ट्रीय शोक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहां की ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के बाद अल्लाह के हुजूर में कुर्बानी करके अपने अंदर त्याग का जज्बा पैदा करते हैं। ताकि जब भी कौम और मुल्क को किसी तरह की कुर्बानी की जरूरत पड़े तो उसे पेश करने के लिये इंसान तैयार रहे। उन्होंने कहां की ईद-उल-अजहा पूरे देश में 22 अगस्त को मनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहां की इस त्यौहार का मिजाज जश्न से कहीं ज्यादा कुर्बानी के जज्बे का हैं।