हाल ही में सावन महीने के दौरान गाजियाबाद के एक KFC स्टोर पर हिंदू संगठनों ने विरोध किया। उन्होंने मांग की कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर ऐसे नॉनवेज रेस्टोरेंट बंद किए जाएं।
हालांकि, इस विवाद के बीच लोगों की रुचि KFC की असली कहानी में भी जागी है — कि ये ब्रांड आखिर बना कैसे?
65 की उम्र में शुरू किया नया सफर
KFC की शुरुआत 65 साल के बुजुर्ग कर्नल सैंडर्स ने की थी।
उनका असली नाम हारलैंड सैंडर्स था।
रिटायरमेंट की उम्र में भी उन्होंने हार मानने से इनकार कर दिया।
उन्होंने अपनी सीक्रेट चिकन रेसिपी को दुनिया के सामने पेश करने का फैसला लिया।
हजार बार रिजेक्शन झेलने के बाद भी वे डटे रहे और पीछे नहीं हटे।
सात साल की उम्र में शुरू की थी रसोई
कर्नल सैंडर्स का जन्म 1890 में अमेरिका के इंडियाना राज्य में हुआ था।
पिता की मृत्यु के बाद, मां के काम पर जाने के कारण, सैंडर्स ने सात साल की उम्र में खाना बनाना शुरू किया।
सातवीं क्लास के बाद पढ़ाई छूट गई, और जीवन ने उन्हें जल्दी ही जिम्मेदारियों में धकेल दिया।
उन्होंने सेना, रेलवे, टायर बिक्री, इंश्योरेंस एजेंट जैसी कई नौकरियां कीं।
जीवन में लगातार संघर्ष के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
पेट्रोल पंप से रेस्टोरेंट तक का सफर
1930 में उन्होंने केंटकी में एक पेट्रोल पंप खोला और वहीं से एक छोटा सा रेस्टोरेंट भी शुरू किया।
इसी बीच, उनके फ्राइड चिकन का स्वाद इतना पसंद किया गया कि केंटकी गवर्नर ने उन्हें “कर्नल” की उपाधि दे दी
KFC Founder Colonel Sanders Biography – History.com
1009 बार रिजेक्शन के बाद मिली पहली हां
हाईवे निर्माण की वजह से कर्नल सैंडर्स का रेस्टोरेंट बंद हो गया।
इसके बाद उन्होंने 65 साल की उम्र में एक नया सफर शुरू किया।
उन्होंने अपनी सीक्रेट चिकन रेसिपी बैग में रखकर अलग-अलग रेस्टोरेंट्स में जाना शुरू किया।
1009 बार लोगों ने उन्हें मना कर दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
1010वीं कोशिश में उन्हें पहली बार हां मिली और यहीं से KFC ब्रांड की नींव रखी गई।
बेचा ब्रांड, लेकिन क्वालिटी पर रखी शर्त
साल 1965 में कर्नल सैंडर्स ने KFC के फ्रेंचाइज़ राइट्स 20 लाख डॉलर में बेच दिए।
उन्होंने डील करते समय स्पष्ट शर्त रखी कि क्वालिटी में किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा।
कर्नल सैंडर्स को इस सौदे के बाद जीवनभर एक तय सैलरी भी मिलती रही।
यह कदम उनके उस भरोसे को दर्शाता है, जो उन्होंने अपने स्वाद और ब्रांड वैल्यू में रखा।
आज KFC है ग्लोबल ब्रांड
आज KFC के दुनिया भर में 25,000 से ज्यादा स्टोर हैं और यह 150 से अधिक देशों में फैला है।
इसी तरह, सैंडर्स की मुस्कुराती हुई तस्वीर और उनका सफेद कोट वाला चेहरा हर स्टोर की पहचान बन चुका है।
प्रेरणा: हार मत मानो
कर्नल सैंडर्स की कहानी बताती है कि न उम्र मायने रखती है, न असफलता।
इसलिए, जब तक इंसान हार नहीं मानता, तब तक दुनिया उसे हरा नहीं सकती।