फ्लॉप रहीं शुरुआती फिल्में
माधुरी ने 1984 में ‘अबोध’ से एक्टिंग डेब्यू किया था। इसके बाद कई फिल्में कीं, लेकिन कोई भी नहीं चली।
किसी ने उन्हें नोटिस तक नहीं किया।
हालांकि, वह लगातार कोशिश करती रहीं। इसके बाद मां-बाप ने उनकी शादी की सोची।
सिंगर ने ठुकरा दिया शादी का रिश्ता

रजा मुराद ने बताया कि उनके पैरेंट्स ने एक सिंगर से रिश्ता तय किया। लेकिन सिंगर ने मिलते ही कहा- ‘बहुत दुबली है।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो सिंगर सुरेश वाडकर थे। साल 2023 में भी उनसे ये सवाल पूछा गया था।
तब सुरेश ने हंसते हुए कहा- ‘मैं खुश हूं कि मुझे पद्मा नाम की माधुरी मिल गई।’
किस्मत ने बदली बाज़ी
इसी बीच किस्मत ने पलटी मारी। माधुरी कश्मीर में शूटिंग कर रही थीं।
वहीं, सुभाष घई भी शूटिंग कर रहे थे।
माधुरी की हेयर ड्रेसर ने सुभाष घई से बात की। इसके बाद घई ने माधुरी को देखा और मुंबई मिलने बुलाया।
सुभाष घई ने बनाया सुपरस्टार

सुभाष घई को माधुरी का अंदाज़ पसंद आया। उन्होंने उन्हें ‘राम लखन’ में मौका दिया।
यहीं से माधुरी दीक्षित की किस्मत चमक गई।
रजा मुराद ने कहा- ‘उनकी पैकअप की नौबत थी। लेकिन सुभाष जी की पारखी नजर ने उन्हें स्टार बना दिया।’
लक और मेहनत का मेल

रजा मुराद ने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में 90% लक और 10% मेहनत होती है।
अमिताभ बच्चन और माधुरी दीक्षित इसका उदाहरण हैं।
दोनों का करियर फ्लॉप फिल्मों से शुरू हुआ था। लेकिन किस्मत ने दोनों को सुपरस्टार बना दिया।