National News – महाराष्ट्र में सोमवार से एक बार फिर किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया। ये आंदोलन अब दूध का खरीद मूल्य पांच रुपये लीटर बढ़ाने की मांग को लेकर किया गया।
इस आंदोलन के चलते किसानों ने कई जिलों में दूध के टैंकर रोक दिए हैं। इस के साथ ही कहीं-कहीं दूध सड़कों पर बहाया गया।मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने हड़ताल अमान्य कर दिया है, लेकिन वह चर्चा के लिए तैयार हैं।
अमूल ने दूध पर पड़ा असर
किसानों के विरोध प्रदर्शन का असर पालघर जिले के वसई व विरार उपनगरों के अमूल के सेंटरों पर भी पड़ा। सोमवार से मुंबई व पुणे में दूध आपूर्ति रोक दी गई। अमूल ने सोमवार को इन क्षेत्रों में पशुपालकों से दूध नहीं लिया। बता दे की अमूल मुंबई में दूध का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
वहीं एक सरकारी अफसर ने बताया कि यदि अमूल की दूध आपूर्ति प्रभावित हुई तो उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा। मुंबई में रोज 55 लाख पाउच दूध की बिक्री होती है। इसमें गुजरात की सहकारी दूध संस्था अमूल की 30 फीसद हिस्सेदारी है। दूसरे नंबर पर कोल्हापुर की गोकुल डेयरी है।
डेयरियों व सरकार को हुई आपत्ति
डेयरियां व राज्य सरकार को किसानो के इस फैसले पर अप्पति हुई हैं। किसानो ने दूध के दाम में पांच रुपये लीटर बढ़ाने की मांग की हैं। जिसके बाद डेयरियां व राज्य सरकार को ये मंज़ूर नहीं हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली, सतारा व पुणे आंदोलन का मुख्य केंद्र हैं। यहीं से मुंबई व अन्य बड़े शहरों को दूध आपूर्ति होती है। इसके अलावा अहमदनगर, नासिक, जलगांव, नांदेड़ व परभणी जिलों में भी दूध का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
सरकार ने मांग नहीं मानी : शेट्टी
आंदोलन का नेतृृत्व कर रहे स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के प्रमुख राजू शेट्टी ने कहा कि हमें हड़ताल को विवश किया गया। राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। हम दूध बर्बाद होने से खुश नहीं हैं, लेकिन सरकार डेयरियों का संरक्षण कर रही है, लेकिन किसानों की मांगें नहीं मान रही।