Mansa Devi Temple: हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार को भगदड़ मच गई, जिस कारण से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ, जब मंदिर की सीढ़ियों पर बिजली के शॉर्ट सर्किट की अफवाह फैली, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस हादसे ने मंदिर कमेटी, वन विभाग और पुलिस की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था हादसे का कारण
सावन के महीने में हर की पौड़ी, चंडी देवी और मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। रविवार होने के कारण मंदिर में और ज्यादा लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे। मंदिर तक जाने के लिए दो रास्ते हैं। एक तो रोप-वे वाला और दूसरा पैदल मार्ग है। पैदल मार्ग में सीढ़ियां हैं, जिनकी चौड़ाई 12 से 16 फीट है, लेकिन आगे जाकर यह रास्ता और संकरा हो जाता है। भीड़ बढ़ने के साथ ही सीढ़ियों पर धक्का-मुक्की शुरू हुई और अफवाह के कारण भगदड़ मच गई।
कौन है इस हादसे का कारण
- मंदिर कमेटी: मंदिर कमेटी के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है क्योंकि मंदिर में लगे कैमरों से भीड़ की जानकारी होने के बावजूद प्रशासन को टाइम पर सूचित नहीं किया गया।
- वन विभाग: मंदिर के आसपास का इलाका वन विभाग के अधीन है। अधिकारियों को भीड़ का अंदाजा था, लेकिन टाइम पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
- पुलिस: हरिद्वार पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। बढ़ती भीड़ को देखकर समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कांवड़ यात्रा के दौरान हर की पौड़ी पर अलग-अलग रास्तों की व्यवस्था होती है, लेकिन मनसा देवी मंदिर में ऐसा क्यों नहीं किया गया।
एकल मार्ग व्यवस्था क्यों नहीं
हादसे के बाद हरिद्वार पुलिस ने एकल मार्ग व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है, ताकि आने-जाने के लिए अलग रास्ते हों। इस संदर्भ में SSP धर्मेंद्र सिंह ने कहा है कि मामले की जांच के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि यह व्यवस्था पहले क्यों नहीं की गई थी? अगर समय पर कदम उठाए जाते, तो शायद यह हादसा नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने मुआवजा का किया ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया और तुरंत मजिस्ट्रियल जांच करने के भी आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है।
ये भी पढ़ें: मछली पालकों की आय बढ़ाने के लिए यूपी सरकार दे रही सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन