Maratha Movement – मराठा आरक्षण के मुद्दे पर लोग लगातार अपनी जान देते आ रहें हैं। मराठा आंदोलन की आग तेज़ होती दिखाई दे रहीं हैं।
इस से पहले इस आंदोलन में करीब 6 लोग ख़ुदकुशी कर चुके हैं। हालही में अभी एक और ख़ुदकुशी का मामला सामने आया हैं। ये मामला हैं औरंगाबाद चिलकलथाना इलाके का जहां 21 वर्षीय युवक ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में परिजनों से माफी मांगते हुए लिखा कि मराठा होने के बावजूद उसे नौकरी नहीं मिल पाई।
बता दे की ये लोग सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत 16% आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पुणे के पास चाकण में आंदोलनकारियों ने 150 से ज्यादा वाहनों में तोड़-फोड़ की और 55 जला दिए। वहीं गुरुवार को जेल भरो आंदोलन किया। और अब 9 अगस्त को जन आंदोलन किया जाएगा।
इस समुदाय का कहना है कि इनका एक छोटा तबका ही सत्ता और समाज में ऊंची पैठ रखता है। ज्यादातर लोग बेहद गरीबी में जी रहे हैं। मराठा आंदोलन करीब एक दशक पुराना है। पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने आरक्षण देने का फैसला लेते हुए विधेयक को विधानसभा में पास कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग से मराठा समाज की आर्थिक-सामाजिक स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद ही कोई फैसला संभव है।