इसके बाद छोटी डीजल कारों की जगह को भरने के लिए कंपनी की नजर अब सीएनजी कारों पर है।
मारुति पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वहां डीजल कारें बनाना बंद कर देगी। डीजल इंजन को बीएस6 एमिशन नॉर्म्स के अनुरूप अपडेट करने की लागत का आकलन करने के बाद ऐसा किया गया। उस समय कंपनी की कुल बिक्री में करीब 23 प्रतिशत डीजल कारें थीं। मारुति अभी ऑल्टो, ऑल्टो के10, सिलेरियो, वैगनआर, डिजायर, अर्टिगा और हल्के कमर्शल वीइकल सुपर कैरी को सीएनजी विकल्प में उपलब्ध कराती है।
कंपनी के सीनियर एग्जीक्युटिव डायरेक्टर (इंजीनियरिंग) सीवी रमन (CV Raman)ने बताया कि भविष्य में मारुति सुजुकी( Maruti Suzuki )के लिए सीएनजी कारें छोटी डीजल गाड़ियों से खाली जगह को भरने का कारगर विकल्प होंगी। रमन ने कहा, हमारा विश्वास है कि छोटी कार के लिए सीएनजी एक बहुत अच्छा ऑप्शन है।
यह पेट्रोल-डीजल का विकल्प है।
हमारे पास (CNG) सीएनजी गाड़ियों की एक पूरी रेंज है। हम स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं। रमन ने कहा कि सरकार भी गैस को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है। देशभर में सीएनजी उपलब्धता का विस्तार करने पर जोर है। मौजूदा समय में देश में करीब 30 लाख सीएनजी गाड़ियां हैं। इसमें भी अधिकांश बिक्री दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में हुई है। मारुति ने अब तक 5 लाख से ऊपर सीएनजी कारों की बिक्री की है।