बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि राफेल सौदे पर शुक्रवार को आए उच्चतम न्यायालय के फैसले से केन्द्र सरकार को कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन देश में हुई सभी रक्षा खरीद के संबंध में जनता की आशंकाओं का उचित समाधान निकालना जरूरी है। इस मौके पर बसपा प्रमुख मायावती ने रक्षा खरीदी की प्रक्रिया में सरकार के स्तर पर सुधार किये जाने की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि रक्षा सौदों के मामलों में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा, इन मामलों में जनता की आशंका रही है कि दोनों ही पार्टियाँ एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
कांग्रेस ने बोफोर्स का आरोप झेला है तो भाजपा ने राफेल का। मायावती ने कहा कि देश के व्यापक हित में यही बेहतर होगा कि केन्द्र सरकार, अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ-साथ देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेकर, देश की सुरक्षा संबंधी अहम ज़रूरतों को ध्यान में रखकर सैन्य व अन्य रक्षा सौदों के संबंध में एक दीर्घकालीन व पारदर्शी नीति तैयार करे। इसके साथ ही उस पर ईमानदारी से अमल करे।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी।
साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।