कांग्रेस ने बसपा प्रमुख मायावती की धमकी पर कहा है कि ‘मायावती ने धमकी नहीं दी है बल्कि समझाया है कि दलितों के खिलाफ केसों को लेकर दबाव बनाना जरूरी है।
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा कि ‘हम दलितों के खिलाफ पहले ही मामलों की समीक्षा कर रहे हैं। कानूनी प्रक्रिया में समय लगता है। समस्या को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जमीनी सच्चाई देखने के बाद सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व लेगा।’
ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस के सामने शर्त रख दी है।
बसपा की मांग है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकार 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दोनों राज्यों में दर्ज मुकदमे वापस ले। बसपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को समर्थन पर दोबारा विचार करेगी।
उन्होंने कांग्रेस सरकारों को धमकी देते हुए कहा, अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलंब उचित कार्रवाई नहीं की तो फिर बसपा को वहां की कांग्रेस सरकारों (मध्यप्रदेश व राजस्थान) को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया, ‘एससी/एसटी कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर 2 अप्रैल को किए गए ‘भारत बंद’ के दौरान उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में से मध्यप्रदेश व राजस्थान में जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत कार्रवाई की गई थी और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था।’ उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश और राजस्थान की नई कांग्रेस सरकारों को निर्दोष लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुकदमों को खत्म करना चाहिए।