25 साल पहले पाकिस्तान में शुरू हुआ था माइक्रोसॉफ्ट का काम
साल 1999 में माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान में अपने कारोबार की शुरुआत की थी।
हालांकि, अब सिर्फ एक ऑफिस बचा है, जिसमें 5 लोग काम कर रहे हैं।
इसी बीच, कंपनी के फैसले ने वहां के व्यापारिक माहौल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जव्वाद रहमान ने जताई नाराज़गी

माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान के संस्थापकों में शामिल जव्वाद रहमान ने लिंक्डइन पोस्ट के ज़रिए अपनी बात रखी।
उन्होंने लिखा, “एक युग खत्म हो गया। यह माहौल हमारे देश ने खुद बनाया है।”
इसके अलावा, रहमान ने आईटी मंत्री और सरकार से अपील की है कि वो इस पर ध्यान दें।
कंपनी ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया

माइक्रोसॉफ्ट की ओर से फिलहाल कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है।
हालांकि, टेक रडार की रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान से कामकाज समेट लिया गया है।
इससे देश की टेक इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है।
दुनिया के 190 देशों में है माइक्रोसॉफ्ट का नेटवर्क

माइक्रोसॉफ्ट दुनियाभर में 190 से ज्यादा देशों में काम करती है।
वहीं, पाकिस्तान से विदाई को सिर्फ कारोबारी फैसला नहीं, बल्कि वहां की परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके अलावा, रहमान ने कहा, “अल्लाह जिसे चाहे, इज्जत और मौके देता है।”
आईटी इंडस्ट्री के लिए सबक

दूसरी तरफ, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट का जाना पाकिस्तान के आईटी सेक्टर के लिए चेतावनी है।
अगर माहौल ठीक न किया गया, तो दूसरी कंपनियां भी यही रास्ता अपना सकती हैं।
इसी बीच, पाकिस्तान सरकार के रुख पर भी सवाल उठ रहे हैं।