मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के भदवाही गांव में जल संरक्षण अभियान के तहत
आयोजित एक सरकारी चौपाल में अफसरों की मेहमाननवाज़ी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
महज़ एक घंटे के कार्यक्रम में 13 किलो ड्राई फ्रूट और अन्य व्यंजनों पर कुल ₹19,010 खर्च किए गए, जो चर्चा का विषय बन गया है।
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काजू-बादाम से भरी थाली, अफसरों के लिए शाही इंतज़ाम
इस एक घंटे की चौपाल में 5 किलो काजू, 5 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश, 30 किलो नमकीन,
6 लीटर दूध, 2 किलो घी, 5 किलो शक्कर और 20 बिस्किट पैकेट का इंतज़ाम किया गया।
इसके अलावा, 5,260 रुपये का अलग से एक और बिल निकाला गया जिसमें विशेष रूप से घी शामिल था।
अफसरों और मेहमानों के लिए इस चौपाल को किसी भोज जैसा रूप दे दिया गया।

सरकारी आयोजन या भोज कार्यक्रम?
कार्यक्रम का आयोजन गोहपारू ब्लॉक के भदवाही ग्राम पंचायत में “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत किया गया था।
इसमें कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, जनपद सीईओ समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
कुल मिलाकर लगभग 50 लोग उपस्थित थे। इस आयोजन का कुल खर्च लगभग ₹40,000 तक जा पहुँचा।
तालाब सूखे, लेकिन खर्च की बरसात
जब एक ओर सरकार जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की अपील कर रही है,
वहीं दूसरी ओर ऐसे आयोजनों में जनता के पैसों से भारी खर्च किए जा रहे हैं।
इस दौरान 50 प्लेट पूरी-सब्ज़ी, 100 पीस रसगुल्ला, 1 किलो मिठाई, 10 किलो शक्कर, 10 हज़ार का किराना सामान, और 5 बोतल पानी की भी व्यवस्था की गई थी।
सवाल यह उठता है कि क्या जल संरक्षण पर खर्च से ज़्यादा अफसरों की थाली पर खर्च किया गया?

जांच के आदेश, ज़िम्मेदारों पर कार्रवाई संभव
जिला पंचायत की प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए
उन्होंने कहा कि खर्च का पूरा ब्यौरा मंगाया गया है और यदि गड़बड़ी पाई गई
तो ज़िम्मेदारों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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