हाईकोर्ट में दायर की गई अजीब याचिका
मध्य प्रदेश को ‘MP’ या ‘मप्र’ कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए
भोपाल के वरिंदर कुमार नामक व्यक्ति ने जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की।
उनका कहना था कि राज्य का पूरा नाम ‘मध्य प्रदेश’ है,
लेकिन लोग इसे छोटा करके बोलते और लिखते हैं, जो गलत है।
याचिका में क्या मांग की गई थी?
- वरिंदर कुमार ने कोर्ट से अपील की थी कि ‘MP’ या ‘मप्र’ जैसे शॉर्ट फॉर्म के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।
- उन्होंने दावा किया कि 90% लोग बोलचाल में और 80% लोग लिखने में इस तरह के संक्षिप्त नामों का प्रयोग कर रहे हैं।
कोर्ट ने पूछा- जनता का क्या भला हो रहा है?
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने याचिकाकर्ता से सवाल किया
कि इससे जनता को क्या फायदा होगा? वरिंदर इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
हाईकोर्ट का स्पष्ट जवाब
- कोर्ट ने कहा कि दुनिया भर में नामों को छोटा करने की परंपरा है।
- यह बोलचाल और लिखने-पढ़ने में सुविधा देता है।
- इससे किसी राज्य की अहमियत या पहचान पर कोई असर नहीं पड़ता।
- इसी आधार पर याचिका को खारिज कर दिया गया।