खुद के खून से निकाले गए प्लेटलेट गठिया (Osteoarthritis) के दर्द से निजात दिला सकते हैं।
स्वयं के खून से निकाले गए 5-10 मिलीलीटर प्लेटलेट से यह संभव होगा। शोधकर्ताओं ने इसे रीजेनरेटिव थेरेपी नाम दिया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने गठिया पीड़ित मरीजों के जोड़ों में इंजेक्शन के जरिए प्लेटलेट इंजेक्ट करके बीमारी को बढ़ने से रोकने में सफलता पाई है। रीजेनरेटिव थेरेपी अन्य तकनीकों से काफी सस्ती भी है।
इस तकनीक से इलाज में मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है और न ही किसी तरह के दर्द निवारक का इस्तेमाल करना होता है।
ओपीडी में मिनी ऑपरेशन थिएटर में इलाज संभव है। अभी तक ग्रेड-1 और ग्रेड-2 आर्थराइटिस के लिए इलाज में महंगी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि रीजेनरेटिव थेरेपी में अधिकतम दो हजार रुपये खर्च होंगे।
शोधकर्ताओं का दावा है कि दर्द से परेशान मरीजों को घुटना या कूल्हा प्रत्यारोपण तक कराने की जरूरत नहीं पड़ी। इन मरीजों के इलाज के बाद हुई रेडियोडायग्नोसिस (एक्सरे- सीटी स्कैन) जांच से डॉक्टर खासे उत्साहित हैं, क्योंकि इस बीमारी से जोड़ों में हो रहे नुकसान रोकने के साथ उसकी भरपाई करने में भी कामयाबी मिली।