प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया में आयोजित 22वें आसियान–भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल रूप से संबोधित किया है। पीएम मोदी का कहना है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। इस खास अफसर पर मलेशिया और प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए बधाई दी है। साथ ही, भारत के लिए समन्वयक की भूमिका निभाने के लिए फिलीपींस की तारीफ़ की।
आसियान के मजबूत रिश्तों पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने अपने छह मिनट के संबोधन में भारत और आसियान के मजबूत रिश्तों पर जोर दिया है। उनका कहना है कि भारत और आसियान मिलकर वैश्विक आबादी का एक चौथाई हिस्सा प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भौगोलिक रूप से जुड़े हैं, बल्कि ऐतिहासिक बंधनों और साझा मूल्यों से भी जुड़े हैं।उन्होंने पूर्वी तिमोर को आसियान समुदाय का 11वां सदस्य बनने पर स्वागत किया और थाईलैंड की राजमाता सिरीकित के निधन पर शोक व्यक्त किया।

भारत–आसियान मजबूत स्तंभ
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान वैश्विक दक्षिण के सहयात्री हैं और स्थिरता, विकास व समृद्धि के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत-आसियान के व्यापक रणनीतिक साझेदारी को वैश्विक स्थिरता का मजबूत सहारा बताया। उन्होंने यह भी कहा कि आसियान भारत की विदेश नीति और ‘एक्ट ईस्ट’ विजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथ ही, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
इससे पहले भी पीएम मोदी ने मलेशिया में प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से फोन पर बात की थी। बता दें कि उन्होंने मलेशिया की आसियान अध्यक्षता की तारीफ़ की।साथ ही, शिखर सम्मेलन की सफलता की भी कामना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एक्स पर लिखा, आसियान–भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल भागेदारी और साझेदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक हूं।
विकास के लिए अहम भूमिका
27 अक्टूबर को विदेश मंत्री AS जयशंकर कुआलालंपुर में 20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा का महत्वपूर्ण मंच है। भारत और आसियान के बीच यह सहयोग एशिया में शांति और विकास के लिए अहम है।
ये भी पढ़ें: ECI Update: देशभर में चुनाव आयोग कल करेगा SIR तारीखों की घोषणा, 15 राज्यों में शुरू होगा पहला चरण!



