प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान और चीन यात्रा से लौटते ही पंजाब के बाढ़ इलाकों पर चर्चा की और हर संभव मदद का भरोसा देने का आश्वासन दिया है।
भारी बारिश से मची तबाही
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने बहुत ही तबाही मचाई है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान से 12 जिलों के 1,044 गांव तबाह हुए हैं। अब तक बाढ़ के कारण से लगभग 2,56,107 लोग चपेट में आ चुके हैं। जिसमें हेक्टेयर कृषि भूमि डूब गई है।
लोगों को निकाला गया सुरक्षित
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से सबसे अधिक मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं। राहत कार्यों के तहत 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गुरदासपुर से 5,549, फिरोजपुर से 3,321, फाजिल्का से 2,049, अमृतसर से 1,700 और पठानकोट से 1,139 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
NDRF की टीम प्रभावित
(NDRF), (SDRF), सेना और पंजाब पुलिस राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। (NDRF) की 20 टीमें सबसे अधिक प्रभावित जिलों – पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा में तैनात की गई हैं।
दशकों की सबसे भयावह आपदा
अधिकारियों के मुताबिक, यह बाढ़ पिछले कई दशकों की सबसे भयावह आपदा बताई जा रही है। पशुधन और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का पूरा आकलन पानी घटने के बाद ही किया जा सकेगा।
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