भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में किए गए दावे को खारिज कर दिया है। दरअसल, ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बातचीत हुई है और मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से जल्द ही तेल खरीदना बंद कर देगा, लेकिन इस विषय पर विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि इस संदर्भ में भारत और अमेरिका के बीच किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है।
दोनों नेताओं के बीच टेलीफोनिक बातचीत नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच किसी भी तरह की बातचीत नहीं हुई।
जायसवाल ने कहा, “मुझे दोनों नेताओं के बीच किसी भी टेलीफोनिक बातचीत की जानकारी नहीं है।” भारत की ऊर्जा नीति का उद्देश्य हमेशा अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ऊर्जा के स्रोतों में विविधता लाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है और इस संदर्भ में कोई भी बाहरी बयान भारत की नीति को प्रभावित नहीं कर सकता है।
संघर्ष पर भारत का रुख स्पष्ट
रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत का रुख भी स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत 3 बिंदुओं को स्पष्ट कर देना चहता है।
1. पहला, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों को पनाह देता रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
2. दूसरा, अपनी घरेलू असफलताओं के लिए पड़ोसी देशों को दोष देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है।
3. तीसरा, पाकिस्तान इस बात से असहज है कि अफगानिस्तान अब अपने क्षेत्रों पर संप्रभु अधिकार का इस्तेमाल कर रहा है।
भारत स्वतंत्र और संतुलित विदेश नीति पर कायम
जायसवाल ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता का पूरा समर्थन करता है। भारत का एक तकनीकी मिशन काबुल में कार्यरत है, जो अफगान जनता के लिए मानवीय सहायता और विकास कार्यों में सहयोग कर रहा है। आने वाले दिनों में यह मिशन फिर से एम्बेसी संचालन में ट्रांजिशन करेगा। इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अपने स्वतंत्र और संतुलित विदेश नीति रुख पर कायम है।
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