नेपाल की राजनीति इन दिनों ऐतिहासिक मोड़ लिया। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ नेपाली युवाओं का आंदोलन अब देश की सियासत का नया अध्याय बन गया है। वही, आज रात पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री का पदभार संभालते ही सुशीला कार्की ने आंदोलनकारियों की पाँच प्रमुख मांगें को माना है, जो कुछ इस प्रकार से हैं।
आंदोलनकारियों की 5 प्रमुख मांगें
सुशीला कार्की ने शपथ से पहले आंदोलनकारियों की पांच शर्तें स्वीकार कीं।
- 6 से 12 महीने के भीतर आम चुनाव कराने की घोषणा।
- संसद भंग करने का फैसला।
- नागरिक-सैन्य प्रतिनिधित्व वाली संयुक्त सरकार का गठन।
- पुराने नेताओं और दलों की संपत्ति जांच के लिए स्वतंत्र न्यायिक आयोग का गठन।
- आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों की निष्पक्ष जांच।

पीएम शपथ समारोह और बहिष्कार
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने सुशीला कार्की को पीएम पद की शपथ दिलाई और कहा “देश बचाइए, सफल रहिए।” हालांकि वहीं, संसद के दोनों सदनों के प्रमुखों ने शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया। इस समारोह में प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे (ओली की पार्टी) और राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल अनुपस्थित रहे।
#WATCH | Kathmandu | Nepal's former Chief Justice, Sushila Karki, takes oath as interim PM of Nepal
Oath administered by President Ramchandra Paudel
Video source: Nepal Television/YouTube pic.twitter.com/IvwmvQ1tXW
— ANI (@ANI) September 12, 2025
पीएम सुशीला कार्की के लिए आगे की चुनौतियां
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद अब सुशीला कार्की के सामने कई चुनौती है, जिसमें सबसे खास नेपाल में अस्थिर माहौल को स्थिर करें और युवाओं की उम्मीदों पर खरी उतरें। उनका नेतृत्व नेपाल की राजनीति में महिलाओं के लिए नई प्रेरणा माना जा रहा है।
कैसे बदले नेपाल के हालात?
जैसा कि पास जानते हैं कि 8 सितंबर के दिन नेपाल में सोशल मीडिया बैन करने पर विरोध में शुरू हो गया था। इस चार दिनों के आंदोलन ने नेपाल की सत्ता को ही पलट दिया। इस हिंसा ने संसद भवन, सरकारी दफ्तरों और निजी संपत्तियों पर हमले हुए। इस दौरान कई लोगों की मौत हुई, जिनमें पुलिसकर्मी और आम नागरिक शामिल थे।
ये भी पढ़ें: Spicejet Plane का पहिया टेकऑफ के तुरंत बाद रनवे पर गिरा, करवाई गई सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग



