चिराग पासवान की घोषणा पर गरमाई बिहार की सियासत
बिहार में इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव में अभी काफी समय है लेकिन चिराग पासवान के नेतृत्व में लोजपा ने मेनिफेस्टो पर काम अभी से ही शुरू कर दिया है। पार्टी ने अगले 12 अप्रैल को ही पार्टी का घोषणापत्र जारी करने का ऐलान किया है। चिराग ने इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों से अपना चुनावी घोषणा पत्र जल्द से जल्द लागू करने की भी अपील की है। दरअसल, चिराग का मानना है कि जल्दी चुनावी घोषणा पत्र जारी कर देने से बिहार में जाति धर्म की जगह विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जा सकेगा लेकिन, चिराग के इस स्टैंड ने बिहार की राजनीति में बहस छेड़ दी है। खुद एनडीए में चिराग की अपील पर एकमत नहीं है।
जेडीयू जहां इसे चिराग की पार्टी का अपना स्टैंड करार दे रहा है, वहीं भाजपा और लोजपा के समर्थन में है। जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी की मानें तो हर दल अपने हिसाब से ही चुनावी घोषणपत्र जारी करते रहे हैं और ऐसे में यह मामला दल विशेष के ऊपर ही छोड़ देना चहिए। हालांकि, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान चिराग पासवान की अपील को बेहतर और लोकतंत्रीय परम्परा के लिए बेहतर करार देने में लगे हैं। संजय पासवान ने तो यहां तक दावा किया कि यह सोच आज के युवा राजनीतिज्ञ की है लिहाजा इस पर अमल करने से गुरेज नहीं होना चहिए।