आज के दौर में हर कोई अकेलेपन से परेशान है। कुछ लोग तो इसके चलते डीपरेशन का शिकार हो रहे है। देखा जाए तो यह एक तरह की बीमारी है। अगर आप भी इस बीमारी की चपेट में है, तो आपके लिए प्रेमानंद महाराज की सलाह किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनके सत्संग और विचारों पर चलकर कई लोगों ने अकेलेपन से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की है।
महाराज के सत्संग में एक व्यक्ति ने कहा था कि “मुझे अकेलापन बहुत सताता है, मेरा कोई दोस्त भी नहीं है।” इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने जो बहुत ही अच्छा जवाब दिया और हर हर उस व्यक्ति यह जवाब अकेलेपन की समय को दूर करने में मदद करता है।
अकेलेपन है खुशी का रास्ता
अकेलापन के सवाल पर महाराज जी ने हंसते हुए कहा, “तुम चाहते हो कि भीड़ मिले और मैं चाहता हूं कि थोड़ा अकेलापन मिले।” उन्होंने बताया कि अकेलापन कोई गलत नहीं, बल्कि एक वरदान है। बस आप इसे सही तरीके से समझा जाए। अकेलेपन में कोई आपको परेशान नहीं करता न ही कोई तनाव बस मन की शांति और आत्म-चिंतन का सबसे अच्छा समय होता है।
प्रभु को बनाए अपना सच्चा मित्र
अकेलापन से लड़ने के लिए महाराज जी ने सलाह दी कि अगर इस समय तुम्हें अपना दोस्त बनाना ही है, तो भगवान को अपना मित्र बनाएं। संसार में दोस्ती छल-कपट से भरी है। लोग अपने मतलब के लिए जुड़ते हैं, जो मानसिक फिर बाद में शांति छीन लेता है। वहीं, अगर आप भगवान के साथ दोस्ती करोंगे, तो कभी तुमको धोखा नहीं मिलेगा।
अकेलेपन में ही है असली सुख
प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी बताया कि लोग अकेलेपन को उबाऊ मानते हैं, क्योंकि उन्हें इसे जीना नहीं आता। अकेलेपन में जितना हो सके भगवान का चिंतन करो, भजन करो और नाम जपो। इसमें जो शांति और आनंद मिलता है, वो भीड़ में कभी कहीं नहीं मिलता।
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