कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी और बिजली मीटर आतंक का पर्याय बने है और घनी आबादी वाला राज्य बिजली मीटरों की प्रयोगशाला बन चुका है।
श्रीमती वाड्रा ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। पिछले आठ साल में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 500 फीसदी, शहरी घरेलू बिजली की दरों में 84 फीसदी और किसानों को मिलने वाली बिजली की दरों में 126 फीसदी की वृद्धि हुई है। पूरे प्रदेश में बिजली के बढ़ते रेट से हाहाकार मचा हुआ है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है। बिजली के मीटर
कई गुना तेज चलते पाए गए हैं। जिन घरों में ताले लगे हुए हैं, बिजली की कोई खपत नहीं हुई है,
उन घरों में सात-आठ हजार रुपये तक का बिल आ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में तो यह भी देखा
गया कि बिना बिजली के मीटर लगे ही बिल आ गए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता महंगाई की मार से त्रस्त है।
छोटे कारोबारियों का व्यापार चौपट हो गया है। किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो रही है, बाढ़, ओला एवं प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उनकी कोई मदद नहीं होती, फसल बीमा योजना बड़ी कम्पनियों की कमाई का साधन बनकर रह गई, ऐसी स्थिति में बिजली के लगातार बढ़ रहे दाम, मीटरों की अनियमितताओं की मार उपभोक्ता अब नहीं सह सकते हैं।
उन्होने कहा कि कोरोनान महामारी में होना तो यह चाहिए कि बिजली बिलों की दरों में बड़े पैमाने पर कमी करके जनता को राहत दी जाती। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाते। बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली बिल भुगतान में रियायत मिलती।
श्रीमती वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश सरकार से यह माँग करती है कि किसानों को मिल रही बिजली का रेट तत्काल प्रभाव से हॉफ किया जाए। बिजली मीटर घोटाले का सच सामने लाया जाए और दोषियों पर कार्यवाही हो।
बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली भुगतान में रियायत दी जाए।