Protests in Islamabad
Protests in Islamabad due to heavy security

इस्लामाबाद प्रशासन ने सोमवार को भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया ताकि फ्रांस में इस्लामिक पैगंबर के ईश निंदा से जुड़े प्रकाशन के विरोध में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों के यहां प्रस्तावित प्रदर्शन को रोका जा सके।


इससे पहले रविवार को रावलपिंडी के लियाकत बाग में उग्र प्रदर्शनकराियों तथा सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुयीं।
यही वजह रही कि इस्लामाबाद में किसी अप्रिय वारदात को रोकने के लिए पुलिस, रेंजर्स एवं फ्रंटियर कोर के तीन हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।
इसी संगठन और इसके सहयोगियों की रावलपिंडी में रविवार को आयोजित रैली में करीब पांच हजार लोग एकत्र हुए थे। साेमवार को करीब एक हजार प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में प्रवेश को रोकने के लिए किए गए सड़क जाम के पास एकत्र हुए थे।


अधिकारियों ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने की संभावना से इन्कार नहीं किया है। रविवार को जारी अधिसूचना में कहा गया,“आशंका है कि रैली में भाग लेने वाले हिंसक हो सकते हैं और जिला प्रशासन के साथ किए अपने वादों को तोड़कर फ्रांसीसी दूतावास की ओर बढ़ सकते हैं।


प्रदर्शनकारी सरकार से फ्रांस के साथ सभी राजनयिक संबंधों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी की स्थिति के कारण टीएलपी नेताओं और रैली के आयोजकों को इसे वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की थी।

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