Rafale Case – राफेल सौदे को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।
आए दिन इस सौदे को लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं। मोदी सरकार, कांग्रेस के इस मुद्दे पर पूरी तरह से घिर चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी लोग इस सौदे को लेकर मोदी सरकार को घेरे हुए हैं। हालांकि मोदी सरकार की तरफ से भी इस मुद्दे को लेकर कोई सफाई नहीं दी गई हैं।
Memorandum by the Congress party to the Comptroller Auditor General demanding an audit of the Rafale deal. 1/2 pic.twitter.com/plTZlh1GXt
— Congress (@INCIndia) September 19, 2018
बता दे की बुधवार को राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल कैग CAG {Comptroller Auditor General} में पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में रणदीप सुरजेवाला, आनंद शर्मा, अशोक गहलोत, मोतीलाल वोहरा, जयराम रमेश, अहमद पटेल, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक शामिल हुए। इस सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय से पीएम मोदी पर इसका विरोध जाता रहें हैं। इसके अलावा तमाम प्रवक्ता भी राहुल गांधी का समर्थन कर ररहें हैं। जिसके बाद आज फिर से इस मामले में जांच की मांग करते हुए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल कैग के दफ्तर पहुंचा।
Memorandum by the Congress party to the Comptroller Auditor General demanding an audit of the Rafale deal. 2/2 pic.twitter.com/R1nOjXgHW2
— Congress (@INCIndia) September 19, 2018
उधर, पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला। बता दे की मंगलवार को एके एंटनी ने इस मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां उन्होंने मोदी सरकार पर करारे हमले बोले। उन्होंने इस प्रेस कांग्रेस में सवाल उठाते हुए कहां की 136 राफेल खरीदने का प्रस्ताव था, तो इसे घटाकर 36 क्यों किया गया?
The Congress party delegation today met the CAG and demanded an audit into the Rafale scam : @rssurjewala Incharge Communications AICC https://t.co/aJxnCKbplR
— Congress (@INCIndia) September 19, 2018
उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांग पहले दिन से स्पष्ट हैं कि संयुक्त संसदीय समिति इस मामले की जांच करे। सीवीसी का संवैधानिक दायित्व हैं कि वो पूरे मामले के कागजात मंगवाएं और जांच कर पूरे मामले की जानकारी संसद में रखें। एंटनी ने कहा कि यूपीए शासनकाल के दौरान, एचएएल मुनाफा कमाने वाली कंपनी थी। मोदी सरकार के समय इतिहास में पहली बार एचएएल ने अलग-अलग बैंकों से लगभग 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया हैं।
Congress delegation reaches #CAG office in Delhi demanding probe in #Rafale deal … pic.twitter.com/KN8pwF5SZN
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) September 19, 2018
इस से पहले पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहां की हमारी सरकार के अंतिम दिनों में राफेल करार लगभग पूरा हो चुका था। 2015 में जब एनडीए की सरकार आई, तो 10 अप्रैल 2015 को 36 राफेल विमान खरीदने का एकतरफा फैसला लिया गया। उन्होने आगे तीखे अंदाज़ में मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा की जब एयरफोर्स ने 126 विमान मांगे थे। तो प्रधानमंत्री ने इसे घटाकर 36 क्यों किया, इसका जवाब देना चाहिए।