अलवर में उजागर हुआ घोटाला, मरीजों की सेहत से बड़ा खिलवाड़
- राजस्थान के अलवर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
- यह मामला राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) से जुड़ा है।
- इस योजना में 100 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता पाई गई है।
- जांच में सामने आया कि मरीजों को गलत दवाएं दी गईं।
- सर्दी-जुखाम में कैंसर की दवाएं और गर्भवती महिलाओं को बांझपन की दवाएं दी गईं।
- इस घोटाले ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या है RGHS योजना और इसका उद्देश्य?
- राजस्थान सरकार ने RGHS योजना की शुरुआत 2021 में की थी।
- इसका उद्देश्य राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और विधायकों को कैशलेस इलाज देना था।
- योजना CGHS की तर्ज पर बनी और इसमें निजी व सरकारी अस्पताल शामिल हैं।
- RGHS में मरीजों को OPD और IPD के लिए 20,000 रुपये तक की सुविधा मिलती है।
- गंभीर बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की व्यवस्था है।
- इस योजना से 13 लाख से ज्यादा परिवारों को फायदा मिला है।
कैसे हुआ घोटाला? क्या सामने आई गड़बड़ियां?
- अलवर जिले के कुछ निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स पर बड़ा घोटाला सामने आया।
जयपुर की क्वालिटी सेल की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। - डॉक्टरों ने सर्दी-जुखाम में लेट्रोज़ोल जैसी कैंसर की दवा लिख दी।
गर्भवती महिलाओं को क्लोमीफीन साइट्रेट जैसी बांझपन की दवा दी गई।
बिना जरूरत की जांच और महंगी दवाओं के बिल भी फर्जी पाए गए। - कई मेडिकल स्टोर्स ने जितने बिल क्लेम किए, उतनी दवाएं खरीदी ही नहीं थीं।
इससे यह साफ होता है कि दवा आपूर्ति और बिलिंग में बड़ा घोटाला हुआ है।
सरकार की कार्रवाई शुरू, कई डॉक्टर और मेडिकल स्टोर्स पर गाज
सरकार ने इस गंभीर मामले को तुरंत संज्ञान में लिया है।
जयपुर क्वालिटी सेल ने 11 डॉक्टरों को नोटिस जारी किए हैं।
इनसे जवाब मांगा गया है कि उन्होंने ये गलत दवाएं क्यों लिखीं।
साथ ही, 60 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं।
सरकार ने विभागीय कार्रवाई और रिकवरी का आदेश भी दे दिया है।
उद्देश्य यही है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए।
मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
मरीजों का विश्वास टूटना चिंता की बात
Rajasthan Health Scheme Scam न केवल आर्थिक घोटाला है,
बल्कि नैतिक गिरावट भी दर्शाता है।
स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी राज्य की रीढ़ होती हैं।
ऐसे में मरीजों का सरकार पर से विश्वास उठना बेहद गंभीर मामला है।
राज्य सरकार को पारदर्शिता और सख्त निगरानी व्यवस्था पर फिर से काम करना होगा।
राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं – आधिकारिक पोर्टल
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