रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा—”हमारी मूल प्रवृत्ति बुद्ध की है, युद्ध की नहीं।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत हमेशा शांति और दोस्ती का रास्ता चुनता है, लेकिन कोई भी अगर हमारी संप्रभुता को चुनौती देगा, तो उसे करारा जवाब मिलेगा।
परीक्षा की मिसाल से समझाया संदेश
राजनाथ सिंह ने कहा,
“किसी भी परीक्षा में पेन या पेंसिल के टूटने की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अंत में रिजल्ट ही मायने रखता है।”
उन्होंने इस उदाहरण से यह समझाने की कोशिश की कि छोटी-छोटी बातों में उलझने की बजाय बड़ी तस्वीर पर ध्यान देना चाहिए।
पाकिस्तान से शांति की कोशिश पर जवाब
रक्षा मंत्री ने बताया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाहौर गए थे और नवाज शरीफ से दोस्ती का हाथ बढ़ाया, तब भारत की मंशा साफ थी—”हम शांति चाहते हैं।” लेकिन, उसी वक्त पाकिस्तान ने घुसपैठ और सीमा उल्लंघन जैसी हरकतें कीं।
राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा,
“बातचीत सभ्य देशों के साथ होती है। पाकिस्तान के हालात किसी से छुपे नहीं हैं।”
भारत की नीति साफ: शांति में विश्वास, लेकिन जवाब भी तैयार
यह बयान उस समय आया है जब भारत अपनी रक्षा नीति को लेकर लगातार मज़बूत संकेत दे रहा है। राजनाथ सिंह ने यह संदेश साफ कर दिया कि भारत किसी को भी अपनी सीमाओं और आत्मसम्मान से खेलने नहीं देगा।
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