Military Intelligence Fraud Case: जबलपुर में रिटायर्ड सैन्य जवान राजेश कुमार राजभर को फर्जी नियुक्ति पत्र देने और करोड़ों की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने 2016 में रिटायरमेंट के बाद लोगों को सेना में नौकरी दिलाने का झांसा दिया।
19 साल सेना में सेवा के बाद ठगी का खेल शुरू
राजेश कुमार ने 1997 में सेना ज्वाइन की थी। 19 साल सेवा के बाद 2016 में नायक पद से रिटायर हुआ। सेना में रहते हुए उसने कई अधिकारियों से अच्छे संबंध बना लिए थे। रिटायर होने के बाद उसने नौकरी चाहने वालों से संपर्क करना शुरू किया।
मेट्रो, अस्पताल और वर्कशॉप में भर्ती का झांसा
आरोपी ने हेड क्वार्टर एरिया जबलपुर, मिलिट्री अस्पताल और 506 वर्कशॉप में नौकरी लगवाने का वादा किया। इसके बदले लाखों रुपए लिए और फर्जी नियुक्ति पत्र पकड़ा दिए। scam 4 scam
50 से ज्यादा लोगों से 4 करोड़ रुपए की ठगी
पिछले 9 साल में आरोपी ने 50 से अधिक लोगों से 4 करोड़ रुपए वसूले। रकम लेने के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली। पीड़ितों ने सेना और पुलिस से शिकायत की।
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पुलिस के हवाले
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ा। आरोपी के परिवार के अन्य लोग भी इसमें शामिल पाए गए। गुरुवार रात सेना पुलिस ने उसे पकड़ा और रांझी पुलिस को सौंप दिया।
बर्तन व्यापारी ने किया खुलासा
- जबलपुर के व्यापारी रोहित गुप्ता ने अगस्त 2024 में आरोपी से पत्नी की नौकरी के लिए संपर्क किया।
- आरोपी ने 6.35 लाख रुपए लेकर वार्ड सहायिका पद का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया।
- रोहित के साथ उसके दोस्तों से भी करोड़ों की ठगी हुई।
फर्जी ज्वाइनिंग लिस्ट और लेटर
- आरोपी ने मिलिट्री मेस के पास ज्वाइनिंग लिस्ट चस्पा कर दी।
- इसके बाद उम्मीदवारों को ले जाकर दिखाया कि उनकी भर्ती पक्की है।
- बाद में लखनऊ मेडिकल टेस्ट का बहाना बनाया।
सेना की सील और कमांडेंट के फर्जी साइन
- राजेश ने HQ MB Area Jabalpur की सील और कमांडेंट के नाम
से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार किए। - इनमें पोस्टिंग डेट और पद भी लिखे गए।
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दिसंबर में खुला मामला
- मई 2024 में सभी को बुलाकर अगस्त में मेडिकल टेस्ट का वादा किया गया।
- लेकिन नौकरी नहीं मिली।
- दिसंबर में ठगी का पूरा मामला सामने आया।