ISKP Terrorist: गुजरात की साबरमती जेल में बड़ी घटना हुई है। जहां बंद इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (ISKP) से जुड़े आतंकी डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद पर अन्य कैदियों ने हमला कर दिया। कैदी हाई सिक्योरिटी बैरक में थे, तभी तीनों कैदियों ने मिलकर डॉ. अहमद पर अचानक से हमला किया और उसे बुरी तरह पीटा गया। हमले में उसकी आंख में गंभीर चोट आई है। वहीं मौके पर आ कर पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव किया और उसकी जान बचाई। घायल डॉ. अहमद को तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।
बता दें कि घटना की सूचना मिलते ही गुजरात (ATS) की टीम तुरंत जेल पहुंची। वहीं ATS टीम हमले की वजह पता करने में जुटी हुई है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कैदियों ने हमला क्यों किया। जिसमे जेल प्रशासन ने हमलावर तीन कैदियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। साथ ही जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आखिर कौन है डॉ. अहमद
दरअसल, 8 नवंबर को गुजरात ATS ने डॉ. अहमद और समेत तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर देश में रिसिन ज़हर का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर लोगों को मारने की योजना बनाने का आरोप है। ATS के अनुसार, ये लोग रिसिन जैसे खतरनाक जैविक ज़हर का प्रयोग कर बड़े हमले की तैयारी में थे। लेकिन गिरफ्तारी के बाद से तीनों को सुरक्षा कारणों से जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया था।

रिसीन जहर क्या है
बता दें कि रिसीन अरंडी के बीजों से निकलने वाला एक बहुत खतरनाक प्रोटीन है। दरअसल, यह सफेद पाउडर होता है, जिसमें कोई गंध या स्वाद नहीं होता। लेकिन इसे खाने-पीने की चीज में मिलाया जाए, सांस से अंदर लिया जाए या इंजेक्शन से दिया जाए, तो कुछ मिलीग्राम में ही इंसान की मौत हो सकती है। यह सायनाइड से भी ज्यादा खतरनाक है।
अच्छी बात यह है कि रिसीन एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता। लेकिन हवा या पानी में मिलाकर बड़े इलाके में तबाही मचा सकता है। दुनिया में इसे जैविक हथियार माना जाता है।
भविष्य में न हो इस तरह की घटना
जेल में हुए अचानक हमले के बाद ATS और जेल प्रशाशन दोनों ही इस घटना की वजह पता लगाने और सुरक्षा में हुई चूक की जांच कर रहे हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए ताकि यह घटना भविष्य में दुबारा कभी न हो।
ये भी पढ़ें: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता, 1 करोड़ का टॉप इनामी नक्सली कमांडर हिडमा का किया एनकाउंडर



