भोपाल की ऐतिहासिक इमारत सदर मंजिल के एक हिस्से का प्लास्टर गिर गया है। यह मरम्मत के सिर्फ पांच महीने बाद हुआ, जिससे संरक्षण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बारिश बनी वजह
शनिवार दोपहर हुई इस घटना में प्लास्टर मुख्य द्वार पर गिरा। बारिश के कारण दीवार कमजोर हो गई थी। गनीमत रही कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। हालांकि, इसी बीच धरोहर प्रेमियों और स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
इससे पहले वर्ष 2021 में मोती महल की छत मानसून में गिर गई थी। उसकी मरम्मत अभी तक पूरी नहीं हुई। इसी तरह अब सदर मंजिल की हालत पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या इमारत भविष्य की बारिश झेल पाएगी?
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(मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की वेबसाइट)
स्मार्ट सिटी योजना के तहत हुआ था काम
सदर मंजिल को मोती महल से जोड़ने वाला द्वार पहले स्मार्ट सिटी योजना में नवीनीकृत किया गया था। बाद में बीएससीडीसीएल (BSCDCL) ने इसे लीज पर लेकर दोबारा काम कराया था।
फरवरी 2025 में इसका उद्घाटन धूमधाम से हुआ था। लेकिन, अब संरक्षण कार्य पर अविश्वास बढ़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता का गुस्सा
हालांकि, बीएमसी और बीएससीडीसीएल की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। जिला प्रशासन भी चुप है।
दूसरी तरफ, लोग तत्काल मरम्मत की मांग कर रहे हैं।
धरोहर प्रेमियों की प्रतिक्रिया
एक संरक्षण कार्यकर्ता ने कहा, “शहर की धरोहर पांच महीने की उम्र से बेहतर की हकदार है।”
इसलिए, अब लोगों का भरोसा संरक्षण कार्यों की गुणवत्ता पर नहीं रहा।
निष्कर्ष
ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण केवल दिखावे तक सीमित नहीं होना चाहिए। इसके लिए उच्च गुणवत्ता और ईमानदारी जरूरी है।
यदि ऐसा नहीं हुआ, तो हमारी धरोहरें सिर्फ नाम की रह जाएंगी।