क्या है मामला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गूगल और मेटा को नोटिस भेजा है।
इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइट्स के विज्ञापन को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रमोट किया और उन्हें प्रमुखता दी। इससे अनलॉफ़ुल ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा मिला।
21 जुलाई को पूछताछ
ED ने दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई 2025 को पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच एजेंसी मानती है कि इस प्रमोशन के जरिए अवैध पैसे का लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग हो सकती है।
कानून का उल्लंघन?
ED का मानना है कि गूगल और मेटा ने:
- आईटी अधिनियम का उल्लंघन किया,
- मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत संदेहास्पद गतिविधियों में सहयोग किया,
- और डिजिटल विज्ञापन नीतियों का दुरुपयोग किया।
कंपनियों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
अब तक गूगल और मेटा की ओर से इस नोटिस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि दोनों कंपनियाँ अपनी विज्ञापन नीतियों का बचाव कर सकती हैं।
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