आज 14 जुलाई से सावन माह का पहला सोमवार का दिन है। इस दिन को हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। क्योंकि सावन के पवित्र सोमवार के दिनों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।श्रावण मास में आने वाले सोमवार न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक और पर्यावरण दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दिन भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक और उपासना करते हैं।
आइए सावन के पवित्र दिनों में भगवान शिव पर जलाभिषेक का समय और महत्व के बारे में जानते हैं।
जलाभिषेक का सही समय
प्रात: सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और फिर शिव भगवान की पूजा की तैयारी करें।
- ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 4 बजकर 15 से लेकर 5 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक

सावन की पूजा विधि
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुबह स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
- घर में या फिर बाहर मंदिर में शिवलिंग पर जाकर पूजा करें।
- आपको शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से अभिषेक करना है।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल अर्पित कर सकते हैं। क्योंकि यह शिव जी को अति प्रिय होते हैं।
- आप मंदिर में ही या फिर अपने घर पर आकर 108 बार ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
- अगर आप सोमवार के दिन व्रत रखते हैं, तो आप पूरे दिन फलाहार का ही सेवन करें।
- शाम के समय शिव की आरती जरूर करें।
सोमवार के पवित्र दिन में महत्व
- मान्यताओं के मुताबिक, सावन के माह में शिव जी की पूजा करने से कई तरह की परेशानियां दूर होती है।
- अगर आपका वैवाहिक जीवन सही से नहीं चल रहा है, तो आप सावन में भगवान शिव की पूजा जरूर करें।
- कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत और पूजा करती है ताकि वह अपना मन चाहे व्रर या फिर अपनी परेशानियों को दूर कर सकें।
- सोमवार के दिन पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर रहती है।