ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने वाले ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। अब आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। दरअसल, GST काउंसिल ने डिलीवरी सर्विस पर 18% जीएसटी लगाने का फैसला लिया है। सरकार का यह नया नियम 22 सितंबर से लागू होगा, लेकिन कंपनियों ने अपने प्लेटफार्म फीस में पहले ही बढ़ोतरी कर दी है।
जीएसटी का नया नियम होगा लागू
बता दें कि 3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है। इसमें डिलीवरी सर्विस पर 18% जीएसटी लगाने का निर्णय भी शामिल है, जो 22 सितंबर से लागू होगा। पहले यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर थी, लेकिन अब इसे CGST Act की धारा 9(5) के तहत शामिल किया गया है। इस फैसले से फूड डिलीवरी कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
कंपनियों ने प्रति ऑर्डर बढ़ाई फीस
सरकार का नया नियम लागू होने से पहले ही स्विगी, जोमैटो और मैजिकपिन ने अपनी प्लेटफॉर्म की फीस में बढ़ोतरी कर दी है। स्विगी ने फीस को GST समेत 15 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है। जोमैटो ने भी अपनी फीस बढ़ाकर 12.50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) कर दी है। वहीं, मैजिकपिन ने अपनी फीस 10 रुपये प्रति ऑर्डर तय की है। इससे ऑनलाइन खाना मंगाना अब पहले से और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा।

आम जनता की जेब पर पड़ेगा असर
मिली जानकारी के अनुसार, जीएसटी के नए नियम के तहत 18% बढ़ने के बाद से स्विगी और जोमैटो पर 180-200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स बोझ बढ़ सकता है।
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, यह फैसला इन कंपनियों के राजस्व मॉडल को और जटिल करेगा। अप्रैल-जून तिमाही में जोमैटो ने 451 करोड़ और स्विगी ने 192 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, लेकिन अब इस टैक्स से उनके मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
सरकार के नए नियम टैक्स से और बढ़ती फीस के कारण से सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि कंपनियां डिलीवरी शुल्क में छूट जैसे ऑफर कम कर सकती हैं, जिससे ऑर्डर की लागत और बढ़ेगी। त्योहारी सीजन में यह बदलाव ग्राहकों के लिए अब बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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