Tarun Sagar Ji – जैन मुनि तरुण सागर का आज 51 वर्ष की उम्र में निधन हो गया हैं।
जिसके बाद देशभर से श्रद्धालु उनके प्रवास स्थल पर जुटने लगे हैं। उन्हें जिस कमरे में रखा गया था, वहां पर सिर्फ जैन मुनियों और शिष्यों के अलावा किसी और को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं। बता दे की दो दिन पहले गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ी थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन आज सुबह वो इस दुनिया को अलविदा कह गए।
जानकारी के मुताबिक 20 दिन पहले मुनिश्री को पीलिया हुआ था लेकिन दवाइयों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद ही उन्होंने इलाज बंद करा दिया था और चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया था।
जैन मुनि तरुण सागर के निधन की खबर आते ही पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घेरा शोक जताया हैं। उन्हें ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा की – जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा। हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है।
जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 1, 2018
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करते हुए उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा की जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।