Tarun Sagar Maharaj – पिछले कुछ समय से बीमार चल रहें तरुण सागर जी महाराज अब हमारे बीच नहीं रहें हैं।
तरुण सागर जी महाराज 51 साल के थे। आज सुबह करीब 3:15 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली और इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। बताया जा रहा हैं की उनकी अंतिम संस्कार विधि आज दोपहर तीन बजे दिल्ली से 28 किमी दूर तरुणसागरम में होगी।
खबर हैं की तरुण सागर जी को करीब तीन हफ्ते पहले पीलिया हो गया था। इसके बाद उन्हें यहां मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
स्वास्थ्य सुधरता ना देख उन्होंने इलाज कराना बंद कर दिया था और चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया था। लेकिन इस ही बीच तरुण सागर जी की तबीयत गुरुवार सुबह एक बार फिर बिगड़ी। जिसको देखते हुए उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
दिल्ली जैन समाज के कार्यकर्ता रमेश चंद्र जैन ने बताया, ‘‘मुनिश्री अपने कड़वे प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध रहे। इसी वजह से उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता था। वहीं, कड़वे प्रवचन नामक उनकी पुस्तक काफी प्रचलित है। समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने में उन्होंने काफी प्रयास किए।’’ मुनिश्री मध्यप्रदेश और हरियाणा विधानसभा में प्रवचन भी दे चुके थे। हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल ददलानी की टिप्पणी पर बवाल हुआ था। तब विशाल को माफी मांगनी पड़ी थी। मुनिश्री को मध्यप्रदेश सरकार ने 6 फरवरी 2002 को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया था।