तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री (Tollywood) इन दिनों एक बड़े संकट का सामना कर रही है।
कर्मचारी महासंघ ने 4 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
जिसमें उन्होंने अपनी सैलरी में 30% वृद्धि की मांग रखी है।
पिछले तीन साल से वेतन बढ़ोतरी न होने से नाराज ये वर्कर्स अब इस मांग के बिना काम पर लौटने से इनकार कर रहे हैं।
उनका यह फैसला तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों की शूटिंग को पूरी तरह से ठप कर सकता है।
हड़ताल की वजह और मांगें
टेलीफिल्म एम्प्लॉइजी फेडरेशन के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों से दैनिक मजदूरी में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है।
वर्तमान में फिल्म उद्योग में काम करने वाले 24 श्रेणियों के लगभग 10,000 से अधिक कर्मचारी इससे प्रभावित हैं।
वेतन भुगतान भी अक्सर देरी से होता है, जबकि कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें वेतन समय पर और नियमित रूप से मिले।
ऐसे में उन्होंने हस्ताक्षरित गारंटी समेत 30% वेतन वृद्धि की मांग की है, तभी वह फिर से शूटिंग में हिस्सा लेंगे।
हड़ताल का फिल्म पर प्रभाव
वर्कर्स के इस हड़ताल की शुरुआत से तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के कई प्रोजेक्ट्स की शूटिंग को रोक दिया गया है।
खासकर छोटे बजट और बीच के बजट फिल्मों का काम भी प्रभावित हो रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह मुद्दा जल्द हल नहीं हुआ तो इंडस्ट्री में ठहराव की स्थिति बन सकती है।
जिससे फिल्म निर्माता भारी आर्थिक नुकसान झेल सकते हैं।
प्रोड्यूसर्स काउंसिल और बातचीत
तेलुगु फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल और फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स कई महीनों से कर्मचारियों से वेतन वृद्धि को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
प्रोड्यूसर्स ने शुरू में 5% वेतन वृद्वि प्रस्तावित की थी, जिसे वर्कर्स ने अस्वीकार कर दिया।
प्रोड्यूसर सी. कल्याण ने इस हड़ताल को दबाव बनाने की रणनीति बताया।
लेकिन यह भी कहा कि लंबी हड़ताल का असर नीचे तक फैलेगा।
फिलहाल दोनों पक्ष फिर से बातचीत के लिए तैयार हैं ताकि इस विवाद का समाधान निकाला जा सके।
फिलहाल यह मामला बातचीत के दौर में है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन कर्मचारियों की मांगों का समाधान निकलेगा।
जिससे तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री की शूटिंग फिर से शुरू हो सकेगी।
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