सीबीआई कोर्ट में जज, वादियों, प्रतिवादी और उनके वकीलों के अलावा केवल कोर्ट स्टाफ को जाने की अनुमति दी है। आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान छोड़कर सभी 26 अभियुक्त अदालत में आ गए है।
विशेष जज एसके यादव ने सभी अभियुक्तों के हाजिर होने की जानकारी पेशकार से मांगी। बचाव पक्ष के वकीलों ने पेशकार को बताया कि आने वाले अभियुक्तों में दो लोग आने वाले हैं। जज फिलहाल अपने चैंबर में ही उपस्थित हैं। बताया जा रहा है कि निर्णय करीब दो हजार पेज का हो सकता है। इसे सुनाने के तुरंत बाद कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा। सीबीआइ व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की है।
जोशी समेत सभी आरोपी बरी बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी विनय कटियार भी लखनऊ में सीबीआई अदालत पहुंच गए हैं। यहां पहुंचने से पहले उन्होंने एक टीवी चैनल से बात बात करते हुए कहा कि सजा होगी तो जेल जाएंगे, छूटते हैं तो देखेंगे और बेल होगी तो ले लेंगे। हमने कोई अपराध ही नहीं किया है। वहां पर मंदिर था और मंदिर बनेगा। सोमनाथ मंदिर की तरह बढ़िया मंदिर बनेगा, ऐसी कल्पना है।
आरोपी रामजी गुप्ता ने कहा कि जो भी फैसला होगा मान्य होगा। मुझे उम्मीद है हम सब दोषी नहीं हैं। अगर इसके बाद भी कोई कार्रवाई होती है तो प्रभु राम की सेवा की जाएगी। मैं शुरू से आंदोलन में शामिल था। यदि दोषी ठहराये जाते है तो जेल जाने को तैयार हूं। पहली मेरी गिरफ्तारी हुई थी। उसी फाइल में 49 लोग आ गए। 28 साल बाद अयोध्या का यह फैसला आ रहा है। पवन पांडेय ने कहा, कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। जो होगा वह स्वीकार होगा। रामलला के कम से कम किसी काम तो आएंगे।
बाबरी विध्वंस मामले में फैसला सुनने के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती कोर्ट में मौजूद नहीं रहेंगी। ये सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनेंगे। इनके अनुपस्थित होने की जानकारी पहले ही कोर्ट को दी जा चुकी है। हाईकोर्ट के पुराने परिसर के बाहर सुबह से ही विवादित ढांचा ध्वंस मामले के फैसले को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। मीडिया के लिए अलग से गैलरी बनाई गई है।