न्यूयॉर्क – टाइम मैग्जीन,Time Magazine जिसने भारत के आम चुनाव से पहले अपनी कवर स्टोरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘डिवाईडर इन चीफ’ बताया था
उसने चुनाव परिणाम के तत्काल बाद पलटी मारते हुए एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है, मोदी ने भारत को इतना एकजुट किया, जो कि दशकों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया। यह लेख टाईम की वेबसाइट पर मंगलवार को प्रकाशित हुआ। इसमें एक सवाल पूछा गया है कि, कैसे यह कथित विभाजनकारी शख्सियत न केवल सत्ता में कायम रह पाया है, बल्कि उसके समर्थक और भी ज्यादा बढ़ गए हैं? और, इस प्रश्न के जवाब में लेख में कहा गया है, एक प्रमुख कारक यह रहा है कि मोदी भारत की सबसे बड़ी कमी : जातिगत भेदभाव को पार करने में कामयाब रहे हैं। इसके लेखक, मनोज लाडवा ने मोदी के एकजुटता के सूत्रधार के रूप में उभरने का श्रेय उनके पिछड़ी जाति में पैदा होने को दिया है।
लेख में लाडवा ने लिखा है, नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक में हुआ था।
बिल्कुल शीर्ष पर पहुंचते हुए, वह आकांक्षापूर्ण कामगार वर्ग को प्रतिबिंबित करते हैं और अपने देश के सबसे गरीब नागरिकों के रूप में अपनी पहचान पेश कर सकते हैं, जैसा कि आजादी के बाद 72 सालों में सबसे ज्यादा समय भारत की सत्ता पर रहने वाला नेहरू-गांधी राजनीतिक वंश कभी नहीं कर सकता। उन्होंने 1971 में इंदिरा गांधी को मिली भारी जीत का जिक्र करते हुए कहा, लेकिन, फिर भी उनके पहले कार्यकाल के पूरे समय के दौरान और उनकी इस बार की चुनावी दौड़ के दौरान मोदी की नीतियों के खिलाफ कड़ी और अक्सर अनुचित आलोचनाओं के बावजूद, पिछले पांच दशकों में कोई भी प्रधानमंत्री भारत के मतदाताओं को इतना एकजुट नहीं कर पाया, जितना उन्होंने किया है।
हालांकि, नवीनतम लेख में लाडवा लिखते हैं, सामाजिक रूप से विकासशील नीतियों के जरिए, उन्होंने (मोदी) कई भारतीयों – हिंदू और धार्मिक अल्पसंख्यक दोनों – को किसी भी पिछली पीढ़ी की तुलना में गरीबी से तेज रफ्तार से बाहर निकाला है। लाडवा इंडिया ग्लोबल बिजनेस प्रकाशित करने वाली ब्रिटेन की मीडिया कंपनी इंडिया इंक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।