भारत में उच्च शिक्षा को लेकर बड़ी खबर आई है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने हाल ही में पांच विदेशी यूनिवर्सिटीज़ को भारत में अपने स्वतंत्र कैंपस खोलने की अनुमति दे दी है। इन यूनिवर्सिटीज़ में यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और यूनिवर्सिटी ऑफ एबर्डीन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क ने अपने मुंबई कैंपस को 2026 तक शुरू करने की तैयारी कर ली है।
भारत युवाओं का देश, यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क तैयार है
यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के वाइस चांसलर प्रोफेसर चार्ली जेफरी का कहना है कि भारत इस समय दुनिया का सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश है और यहां 20% युवा पूरी दुनिया के कुल युवाओं का हिस्सा हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क इन युवाओं के करीब आकर उन्हें बेहतर शिक्षा देना चाहती है।
क्यों चुना मुंबई?
प्रोफेसर जेफरी ने बताया कि मुंबई यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क की शिक्षा शैली और रिसर्च के लिए एकदम सही जगह है। मुंबई भारत का आर्थिक और रचनात्मक (Creative) हब है, जहां टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और क्रिएटिव इंडस्ट्रीज का तेजी से विकास हो रहा है।
यॉर्क यूनिवर्सिटी यहां अपने टेक्नोलॉजी आधारित शिक्षण (Tech-led Pedagogy) और क्रिएटिव रिसर्च से भारत के युवाओं को एक नया अनुभव देना चाहती है।
भारत में शिक्षा का सुनहरा भविष्य
प्रोफेसर जेफरी ने कहा कि भारत में शिक्षा का माहौल बहुत तेजी से बदल रहा है। आज भारतीय युवा सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि इनोवेशन और ग्लोबल स्तर पर आगे बढ़ने का सपना देख रहे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क भारत में उन्हीं सपनों को साकार करने के लिए आ रही है।
साफ है कि भारत अब विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए भी एक आकर्षक शिक्षा स्थल बन गया है, और आने वाले समय में भारत के छात्रों को देश में ही ग्लोबल स्तर की पढ़ाई का मौका मिलेगा।