उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
जनता परेशान है और सरकार पर सवाल उठा रही है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत एक्शन लिया है।
उन्होंने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई है।
बैठक में ऊर्जा विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
सीएम योगी ने बुलाई आपात बैठक
मुख्यमंत्री को कई जिलों से बिजली कटौती की शिकायतें मिल रही हैं।
इसी कारण उन्होंने शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे समीक्षा बैठक तय की है।
बैठक में बिजली आपूर्ति की स्थिति, ट्रांसफार्मर की खराबी और उपभोक्ता शिकायतों पर चर्चा होगी।
उम्मीद है कि सीएम अफसरों से जवाब मांगेंगे और ठोस निर्देश देंगे।
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ऊर्जा मंत्री का फूटा गुस्सा, अफसरों पर फर्जी आंकड़े देने का आरोप
- गुरुवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शक्ति भवन में समीक्षा की।
- इस दौरान उन्होंने अफसरों पर फर्जी डाटा तैयार करने का आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा, “आप लोग सिर्फ एसी में बैठकर आंकड़े बना रहे हैं।
- जबकि ज़मीनी हालात कुछ और हैं। जनता विभाग को गालियां दे रही है।
‘बिजली विभाग बनिया की दुकान नहीं है’
मंत्री ने कहा कि बिजली विभाग जनसेवा के लिए है।
यह सिर्फ बिल वसूलने वाला सिस्टम नहीं होना चाहिए।
उन्होंने अफसरों को चेताया, “पूरा गांव अंधेरे में है।
ट्रांसफार्मर जले हैं। फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही। ये गलत है।”
रिश्वत और गलत बिलों पर सख्त टिप्पणी
मंत्री शर्मा ने बताया कि एक उपभोक्ता को 72 करोड़ रुपये का बिल भेजा गया।
गलती सुधारने के बदले पैसे मांगे गए।
उन्होंने कहा, “जहां बिजली चोरी ज्यादा हो रही है वहां छापे नहीं पड़ते।
दूसरी जगहों पर एफआईआर के नाम पर वसूली की जा रही है।”
‘अब यह सब नहीं चलेगा’, मंत्री ने दी चेतावनी
मंत्री ने कहा, “मैं बार-बार मौखिक रूप से चेताता रहा हूं।
लेकिन आप लोग बात मानते नहीं। अब कड़ी कार्रवाई होगी।
उन्होंने साफ किया कि वो जनता और विधानसभा के प्रति जवाबदेह हैं।
कोई भी अधिकारी मनमानी नहीं कर सकता।
छवि सुधारें, नहीं तो कार्रवाई तय
मंत्री ने निर्देश दिए कि अब हर अधिकारी को फील्ड में जाना होगा
जो अफसर संवेदनशील नहीं दिखेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है
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