अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% टैरिफ लागू कर दिए हैं।
जिससे भारत के कई प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर बड़ा असर पड़ेगा।
यह कदम ट्रंप सरकार द्वारा रूस से तेल खरीदने पर लगाए गए जुर्माने का हिस्सा है।
इससे भारत की कई इंडस्ट्रीज जैसे लेदर, केमिकल्स, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स और श्रिम्प निर्यातों पर गंभीर प्रभाव पड़ने वाला है।
US टैरिफ के कारण कौन-कौन से उत्पाद होंगे महंगे?
ग्लोबल थिंक टैंक GTRI के अनुसार, भारत से अमेरिका निर्यात होने वाले उत्पादों पर कुल मिलाकर 50% का कस्टम ड्यूटी लगेगा, जिससे ये सामान अमेरिकी बाजार में काफी महंगे हो जाएंगे। इनमें शामिल हैं:
- ऑर्गेनिक केमिकल्स – 54% ड्यूटी
- कारपेट्स – 52.9%
- निटेड क्लोथ्स – 63.9%
- टेक्सटाइल सामग्री – 59%
- हीरे और सोना – 52.1%
- मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स – 51.3%
- फर्नीचर – 52.3%
ये टैरिफ्स अमेरिका में भारतीय वस्त्रों और ज्वेलरी की कीमतों को बढ़ाएंगे, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बहुत कमजोर पड़ेगी।
किसान और छोटे उद्योगों पर भी प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत इस टैरिफ की मार से तैयार है और किसानों के हितों की रक्षा करेगा।
हालाँकि, MSME (माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइजेज) सेक्टर के लिए अचानक लागत में इतना बड़ा इज़ाफा झेलना मुश्किल होगा।
उदाहरण के लिए, श्रिम्प निर्यातक योगेश गुप्ता के अनुसार, भारत के श्रिम्प पर लगने वाले टैरिफ तकरीबन 33 प्रतिशत हो जाएंगे।
जबकि इकोडोर से 15 प्रतिशत है, जिससे प्रतिस्पर्धा और कठिन हो जाएगी।
भारतीय निर्यात पर भारी असर
US टैरिफ के कारण ट्रंप सरकार के 50% टैरिफ ने भारत के कई प्रमुख निर्यात क्षेत्रों की चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
इससे न केवल वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, बल्कि निर्यात में 40-50% की कमी भी आ सकती है।
इस स्थिति में भारत की उद्योग और व्यापार नीति को नई रणनीतियों के साथ तैयार रहना होगा ताकि इस चुनौती का सामना किया जा सके।
US टैरिफ वह मुद्दा है जिस पर भारत को पूरी ताकत से काम करने की जरूरत है।
ताकि भारतीय निर्यातकों और स्वदेशी उद्योगों की सेहत को बनाए रखा जा सके।
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