महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Maharashtra Chief Minister) और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सवाल किया है
कि मुंबई में 950 से अधिक कोरोना मौतें क्यों छुपाई गईं, आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का
पालन क्यों नहीं किया गया। इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)ने यह भी कहा कि इस तरह की
अक्षम्य लापरवाही और ऐसा करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार क्या कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray)को लिखे पत्र में देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मुंबई में 950 से अधिक
कोरोना पीड़ितों की मौत छिपाना बहुत गंभीर मामला है। मुंबई के दृष्टिकोण से, यह पूरा मामला
बहुत ही खतरनाक है। कोरोना मृत्यु घोषित होने से पहले हर एक मामला मुंबई महानगरपालिका
की गठित डेथ ऑडिट कमिटी को जाता है। समिति की ओर से मामले पर निर्णय किए जाने के बाद
ही उस मृत्यु की पुष्टि की जाती है।
फडणवीस ने कहा, ‘कोरोना से लगभग 451 मौत के ऐसे मामले हैं, जिसे डेथ ऑडिट कमिटी ने
नॉन-कोरोना बना दिया। ये सभी मौतें आईसीएमआर के मापदंड के अनुसार कोरोना के कारण हुई
हैं। अब यह मामला प्रकाश में आया है। डेथ ऑडिट कमिटी ने किसके दबाव में इतनी बड़ी संख्या में
कोरोना मौतों को छिपाया। इस समिति पर राज्य सरकार की ओर से अब क्या कार्रवाई की जाएगी,
ऐसे सभी सवाल अब उभर कर सामने आते है।
हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की
थी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘महाराष्ट्र में हर दिन 38 हजार कोरोना
टेस्ट की क्षमता है लेकिन सिर्फ 14 हजार टेस्ट हो रहे हैं। मुंबई में ही 12 हजार टेस्ट प्रतिदिन की
क्षमता है लेकिन चार हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। सरकार कम टेस्ट करके कोरोना के केस कम
रखना चाहती है।