सार्वजनिक वाईफाई इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता को हर जगह बार-बार लॉगिन करने की झंझट से मुक्त मिल जाएगी।
सरकार जगह जगह दी जा रही सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी की व्यवस्था को मंजूरी देने की योजना बना रही है। इस सुविधा से सार्वजनिक वाईफाई इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता को केवल एक बार लॉगिन करना होगा और वह देशभर में वायरलेस इंटरनेट सेवाओं से जुड़ा रहेगा। उसे हर बार लॉगिन करने की जरूरत नहीं होगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, “सार्वजनिक वाईफाई को एक दूसरे से आपस में जोड़ने यानी इंटरऑपरेबिलिटी पर विचार हो रहा है।
यह उपयोगकर्ता को जब भी वह इसके दायरे में आएंगे देशभर के सभी सार्वजनिक वाई-फाई क्षेत्रों से जुड़े रहने में मदद करेगा। उपयोगकर्ता को एक बार लॉगिन करना होगा और दूसरे वाईफाई नेटवर्क जैसे बीएसएनएल, एयरटेल, जियो इत्यादि डिवाइस को पहचान लेंगे और उसे नेटवर्क से जोड़ देंगे। सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव को डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) की अंतर मंत्रालयी समिति की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है। राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 के तहत, सरकार ने 2020 तक 50 लाख और 2022 तक एक करोड़ सार्वजनिक वाईफाई हॉटस्पॉट लगाने का लक्ष्य रखा है।
मौजूदा नियमों के तहत, एक मोबाइल डिवाइस उपयोगकर्ता को सार्वजनिक वाई-फाई से जुड़ने के लिए एक फॉर्म भरना होता है।
इसके बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता है, जिसे डालना होता है। कभी-कभी उपयोगकर्ता के मोबाइल पर ओटीपी नहीं आता है और वह सार्वजनिक वाईफाई से नहीं जुड़ पाता है। सूत्र ने कहा, “सरकार का ध्यान डिजिटल सेवाएं देने और डेटा नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर है। वाईफाई की इंटरऑपरेबिलिटी मोबाइल उपयोगकर्ताओं को यात्रा के समय डेटा कनेक्टिविटी से जुड़े रहने में मदद करेगा। यह लाइसेंस स्पेक्ट्रम के बोझ को कम करेगा और कॉल ड्रॉप की समस्या को दूर करने में भी सहायता करेगा।