नई दिल्ली -चीन और पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा से जुड़े मुद्दों सहित राष्ट्र के सामने मौजूद मुख्य चुनौतियों पर थल सेना के शीर्ष कमांडर चर्चा करेंगे।
थल सेना के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार से शुरू हो रहे छह दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत करेंगे। वह अग्रिम मोर्चे पर निर्माण से जुड़े विशेष विषयों पर चर्चा करेंगे और चीन से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास की गति बढ़ाने के तरीके तलाशेंगे।
उन्होंने बताया कि चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर स्थिति के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी। जिन अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, उनमें भविष्य में सुरक्षा खतरों को कम करना और संभावित शत्रु के खिलाफ लड़ाकू क्षमता बढ़ाना शामिल है। अन्य मुद्दों में उत्तरी सीमा पर क्षमता बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दे, रणनीतिक रेल लाइन की समीक्षा, गोलाबारूद की जरूरत को पूरा करने के लिए सीमित बजट का इष्टतम उपयोग शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में मुख्य जोर चीन से लगी करीब 4,000 किमी लंबी सीमा पर थल सेना की संपूर्ण संचालन तैयारियों को मजबूत करना है। ज्ञात रहे कि पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध रहा था। सूत्रों ने बताया कि भारत ने डोकलाम गतिरोध के बाद चीन से लगी सीमा पर सैनिकों को तैनात किया है और गश्त बढ़ा दी है। बैठक में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा क्रियान्वित की जा रही परियोजनाएं और सैनिकों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी।