नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में छोटी बच्चियों से दुष्कर्म के प्रकरणों पर चिंता जताई है और मामले में खुद संज्ञान लेते हुए परीक्षण करने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को पीआईएल में बदलते हुए सीनियर वकील वी गिरी को कोर्ट सलाहकार बनाया है और उन्हें मामले में पक्ष रखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले छह महीने में 24 हजार बच्चियों के साथ रेप की घटना चिंताजनक है।
अदालत ने कहा कि हम मामले में संज्ञान लेते हैं और परीक्षण करेंगे। अदालत ने कहा कि हम इस बात पर गौर करेंगे कि क्या ऐसे मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। क्या स्पेशल कोर्ट का गठन किया जाए। अदालत ने इन तमाम संदर्भ में कोर्ट सलाहकार से अपना पक्ष सोमवार तक रखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चियों से रेप के मामले में रजिस्ट्री से कहा था कि वह रिपोर्ट पेश कर बताए कि पिछले छह महीने में चाइल्ड रेप की कितनी घटनाएं हुई हैं।
अदालत ने ये भी पूछा था कि कितने मामले दर्ज हुए, कितने की जांच चल रही है। कितने में चार्जशीट हुई है। अदालत में कितने मामले पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो रिपोर्ट पेश की गई है वह तमाम राज्यों की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि रिपोर्ट चिंतनीय है। रिपोर्ट बताता है कि एक जनवरी से लेकर 30 जून के बीच इस साल बच्चियों से रेप के 24 हजार 212 केस दर्ज हुए।
इनमें 11,981 मामलों में जांच चल रही है। पुलिस ने अभी तक 12,231 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है। ट्रायल में अभी तक 911 मामलों में फैसला आ चुका है। 6449 मामले में ट्रायल चला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महज 900 मामले में ट्रायल पूरा हुआ है और फैसला आया है। मामले में हम चिंतित हैं और ऐडवोकेट वी.गिरी को कोर्ट सलाहकार बनाते हैं जो कोर्ट को सहयोग करेंगे। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह कोर्ट को सहयोग करेंगे।