यदि भारत का हिंदू समाज मजबूत होता है, तो स्वाभाविक रूप से दुनिया भर के हिंदुओं को भी ताकत मिलेगी। यह कहना है आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का। ‘हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, इसलिए हिंदू समाज की गरिमा भारत को भी गौरव दिलाएगी। एक सशक्त हिंदू समाज ही उन लोगों को साथ लेकर चलने का आदर्श प्रस्तुत कर सकता है, जो आज खुद को हिंदू नहीं मानते, जबकि किसी समय वे भी हिंदू ही थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदू समाज की एकता पर जोर देते हुए कहा है कि भारत की एकता ही हिंदुओं की सुरक्षा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, और जब हिंदू समाज सशक्त होगा, तभी भारत भी गौरव प्राप्त करेगा।
आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइज़र वीकली’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में भागवत ने पड़ोसी देशों में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार और मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘जब तक हिंदू समाज खुद मजबूत नहीं होगा, तब तक दुनिया में कोई उनके बारे में चिंता नहीं करेगा।’
‘भारत का हिंदू मजबूत होगा तो दुनियाभर के हिंदुओं को ताकत मिलेगी’
‘प्रेम की भाषा तभी समझी जाती है जब आपके पास शक्ति हो’, बोले मोहन भागवत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से देश का बढ़ा स्वाभिमान, पहलगाम अटैक के पीड़ितों को मिला इंसाफ: मोहन भागवत बटेंगे तो कटेंगे से जाति जनगणना के ऐलान तक… आखिर क्यों हुआ बीजेपी का हृदय-परिवर्तन? RSS के लिए जातिगत जनगणना कितना बड़ा चैलेंज है? अक्षय तृतीया पर 125 जोड़ों का सामूहिक विवाह, RSS चीफ मोहन भागवत करेंगे कन्यादान मोहन भागवत ने कहा, ‘हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, इसलिए हिंदू समाज की गरिमा भारत को भी गौरव दिलाएगी। एक सशक्त हिंदू समाज ही उन लोगों को साथ लेकर चलने का आदर्श प्रस्तुत कर सकता है, जो आज खुद को हिंदू नहीं मानते, जबकि किसी समय वे भी हिंदू ही थे। यदि भारत का हिंदू समाज मजबूत होता है, तो स्वाभाविक रूप से दुनिया भर के हिंदुओं को भी ताकत मिलेगी। यह काम चल रहा है, लेकिन अभी पूरा नहीं हुआ है. धीरे-धीरे ही सही, लेकिन यह स्थिति विकसित हो रही है।’
‘हिंदू समाज की आंतरिक शक्ति बढ़ रही है’
उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार के खिलाफ इस बार जो आक्रोश सामने आया है, वह पहले कभी नहीं देखा गया। अब वहां के हिंदू खुद कह रहे हैं- ‘हम भागेंगे नहीं, अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समाज की आंतरिक शक्ति बढ़ रही है, और संगठन का विस्तार इस शक्ति को और व्यापक रूप देगा। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘जब तक यह लक्ष्य पूरी तरह हासिल नहीं होता, हमें लड़ाई जारी रखनी होगी।’
‘हिंदू राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे हिंदू’
भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि संघ दुनिया भर में मौजूद हिंदुओं के लिए हरसंभव प्रयास करेगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए। उन्होंने बताया कि संघ स्वयंसेवक यह शपथ लेते हैं कि वे धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा करते हुए हिंदू राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करेंगे।