Bhopal samachar -मंगलवार देर रात बीआरटीएस कॉरीडोर में
कार दुर्घटनाग्रस्त होने पर पुलिस अभिरक्षा में
लिए गए युवक की मौत का मामला गरमा गया है।
राज्य सायबर सेल में पदस्थ मृतक के एएसआई पिता ने आरोप लगाया है
कि पुलिस उसके इकलौते बेटे को पीट-पीटकर मार डाला। मामले की गंभीरता को देखते हुए,
बैरागढ़ थानाप्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मिर्यों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
डीआईजी ने बताया कि इस मामले में बैरागढ़ थानाप्रभारी अजय मिश्रा, एसआई राजेश तिवारी
हवलदार बोहरन सिंह, आरक्षक राजकुमार भटनागर और आरक्षक गंगाराम को निलंबित किया गया है।
जानकारी के अनुसार रेडियो पुलिस कॉलोनी भदभदा में रहने
वाला 27 वर्षीय शिवम मिश्रा प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था।
वह एसआई सीधी भर्ती की प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी कर रहा था।
उसके पिता सुरेश मिश्रा एएसआई हैं।
फिलहाल उनकी तैनाती राज्य सायबर सेल में हैड लिपिक के रूप में है।
एसपी नार्थ शैलेंद्र सिंह के अनुसार शिवम मिश्रा अपनी एसयूवी
कार से लालघाटी की तरफ से बैरागढ़ की तरफ जा रहा था।
शिवम के साथ उसका दोस्त गोविंद शर्मा भी था। उसके पिता धनश्याम शर्मा भी सीआईडी में सब इंस्पेक्टर हैं।
दोनों मंगलवार रात सवा बारह बजे खाना खाने बैरागढ़ के आगे ढाबे पर जा रहे थे।
रास्ते में उनकी गाड़ी बीआरटी कॉरिडोर की रेलिंग से भिड़ गई।
कार की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है,
वह करीब 100 फीट लंबी रेलिंग तोड़ती हुई गई और जिस दिशा से जा रही थी,
उसकी ओर पलटकर खड़ी हो गई थी। हादसे में शिवम और गोविंद दोनों बाल-बाल बच गए।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
मृतक के पिता सुरेश मिश्रा ने बताया कि हादसे के सूचना मिलने के बाद कोहेफिजा पुलिस
शिवम और गोविंद को पहले लालघाटी चौकी ले गई, जहां दोनों बच्चों को बुरी तरह से पीटा गया।
इसके बाद घटनास्थल बैरागढ़ होने के कारण दोनों को बैरागढ़ पुलिस को दे दिया।
वहां शिवम को फिर मारा गया। उसकी पीठ पर पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के निशान बन गए थे।
जब उसकी हालत बिगड़ी तो पुलिस उसे अस्पताल ले गई,
जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शिवम की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस की दरिंदगी को लेकर जमकर हंगामा मचाया।
वह पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं थे, उनका कहना था कि उनके बेटे को मारने वाले
पुलिसकर्मियों पर पहले हत्या की एफआईआर दर्ज हो , उसके बाद पीएम कराएंगे।
इस मांग को लेकर तीन घंटे तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
पुलिस के तमाम अफसरों के मनाने के बाद भी परिजन राजी नहीं हुए।
डीआईजी इरशाद वली ने उन्हें बताया कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में न्यायिक जांच शुरू हो गई है।
तब जाकर परिजन पीएम कराने को राजी हुए।