M.P News – जनता सड़को पर उतरी, आरोपी को फांसी देने की मांग
मंदसौर में हुए सात साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा हैं। सात साल की मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए शुक्रवार को मंदसौर सहित पूरे रतलाम अंचल में प्रदर्शन हुए।
सभी लोग सड़को पर उतरे और आरोपी को फांसी देने की मांग की। इस घटना को लेकर प्रदेश में जबरदस्त आक्रोश है। हमारे देश में ये घटनाए रुकने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं। आए दिन हो रहीं इन घटनाओं से हमारे देश का सर शर्म से झुका जा रहा हैं।
ये हैं पूरा मामला
दरअसल सात साल की मासूम बच्ची स्कूल के गेट पर अकेली खड़ी थी। जिसके बाद उस बच्ची को अकेला देख आरोपी उसे बहलाकर अपने साथ ले गया था।
आरोपी लड्डू का लालच देकर अपने साथ उस मासूम बच्ची को ले गया था। इसके साथ ही उसका दूसरा साथी उसके पीछे-पीछे एक निश्चित दूरी बनाकर चलता रहा। बाद में लक्ष्मण दरवाजे के पीछे दोनों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की और उसे मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया। हालाँकि दोनों आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
आरोपियों को फांसी दो। इससे कम सजा मंजूर नहीं
मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के विरोध में शुक्रवार को भी मंदसौर में प्रदर्शन हुआ। महिलाओं और बच्चियों ने इस बात का विरोध करते हुए दरिंदों को फांसी देने की मांग की।
इसके साथ ही गांधी चौराहे से जुलूस निकाला। आजाद चौक पर एसपी को ज्ञापन सौंपा। इतना ही नहीं मासूम बच्ची की दादी ने सरकार से गुहार लगाई की दरिंदों को भी फांसी देने से पहले ऐसी ही यातना से गुजारा जाए जैसी पीड़ा मेरी बिटिया ने सही है। वहीं दूसरी तरफ एसपी ने बच्ची को बहादुर बताते हुए उसे ब्रेवरी अवाॅर्ड दिलाने का प्रयास करने का दावा किया।
बच्ची की हालत गंभीर
इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टर का कहना हैं की बच्ची बहुत घबरा चुकी हैं।
डॉक्टर या नर्स के स्पर्श करते ही सहम जाती है। हर पल मां से लिपटी रहती है। एक ही बात बार-बार कह रही है कि मां मुझे बचा लो या फिर मार डालो। डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि ऑपरेशन कर उसके क्षतिग्रस्त अंगों को रिपेयर किया है, लेकिन अब उसे संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। उसके घाव भरने में दो हफ्ते लगेंगे। उसके पूरे शरीर में पटि्टयां बंधी हैं।
आखिर कहा हैं मोदी सरकार
इन चार सालों में मोदी सरकार में हुई इन घटनाओं ने देश का सर शर्म से पूरी तरह झुका दिया हैं। ये घटनाए लगतार बढ़ती जा रहीं हैं।
इन घटनाओं को रोकने के लिए अब तक कोई सख्त कानून नहीं बनाया गया हैं। हमारे देश में अब तक कोई ऐसी महिला या बच्ची नहीं हैं जो इन दरिंदो से अपने आप को सुरक्षति समझती हो। हमारे देश में महिलाओं और बच्चियों से ज़्यदा गाय सुरक्षित हैं ऐसा क्यों ? गो हत्यारों को फ़ौरन सज़ा देने का आदेश जारी किया जाता हैं लेकिन इन घटनाओ को मोदी सरकार नज़र अंदाज़ क्यों कर रहीं हैं ?