मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में एक बड़ा और खास संग्रहालय बनने जा रहा है, जो अद्वैत वेदांत दर्शन और आचार्य शंकराचार्य के विचारों को समर्पित होगा। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना के लिए 2195 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
यह संग्रहालय सिर्फ आचार्य शंकराचार्य की स्मृति में नहीं बनेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और अद्वैत दर्शन को दुनिया के सामने रखने का एक बड़ा माध्यम भी होगा।
“एकात्म धाम” – एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र की ओर
सरकार इस पूरे परिसर को “एकात्म धाम” के रूप में विकसित कर रही है, जिसे “ए ग्लोबल सेंटर ऑफ वननेस” कहा जा रहा है। यहां आचार्य शंकराचार्य के जीवन, उनके विचारों और सनातन परंपरा के मूल तत्वों को आज की पीढ़ी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
यह जगह आध्यात्मिक चेतना को समझने और अनुभव करने का केंद्र बनेगी, जहां दर्शन, संस्कृति और विज्ञान का मेल देखने को मिलेगा।
पर्यावरण के प्रति जागरूक और टिकाऊ निर्माण
यह प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बनाया जाएगा। इसे 4 स्टार GRIHA रेटिंग के मानकों पर तैयार किया जा रहा है। यहां सौर ऊर्जा, वर्षा जल का संचयन, कचरा प्रबंधन और ऊर्जा की बचत जैसे उपाय अपनाए जाएंगे, जिससे यह परिसर न सिर्फ सुंदर बल्कि टिकाऊ भी होगा।
संग्रहालय की प्रमुख झलकियाँ
‘अद्वैत लोक संग्रहालय’ में कई ऐसे आकर्षण होंगे, जो इसे खास बनाएंगे:
- डायोरमा गैलरी: इसमें आचार्य शंकराचार्य के जीवन की अहम घटनाएं मॉडल्स और झांकियों के जरिए दिखाई जाएंगी।
- ‘माया’ 3डी डोम प्रोजेक्शन: यहां ब्रह्मांड की रचना और अंत की अद्वैत अवधारणा को तकनीक के ज़रिए दिखाया जाएगा।
- अद्वैत नौका विहार: नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर नौका से यात्रा के दौरान श्रद्धालु और पर्यटक सनातन परंपराओं और स्थानीय संस्कृति को देख पाएंगे।
- हाई स्क्रीन थिएटर: 500 लोगों की क्षमता वाले इस थिएटर में आचार्य शंकराचार्य पर आधारित फिल्में दिखाई जाएंगी।
- प्रदर्शनी हॉल: यहां आचार्य शंकराचार्य के लेख, भाष्य, स्तोत्र और समाज सुधार के कामों की जानकारी मिलेगी।
- शक्ति गैलरी: इसमें श्री यंत्र और शक्ति साधना से जुड़ी परंपराएं समझाई जाएंगी।
- सन्यास गैलरी: इसमें दशनामी परंपरा और सन्यास की विधियों को दिखाया जाएगा।
- ध्यान केंद्र: यहां आगंतुक ध्यान और आत्मचिंतन का अनुभव कर सकेंगे।
- कला वीथिका: इसमें भारत की पारंपरिक कलाएं जैसे मधुबनी, तंजावुर, वारली, कलमकारी आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।
- अन्नपूर्णा परिसर: यहां एक साथ 1700 लोगों के भोजन की व्यवस्था होगी, जिसमें प्रसाद वितरण भी शामिल है।
- कलाग्राम: भारत के चार प्रमुख मठों और मध्यप्रदेश की शिल्पकला का प्रदर्शन और बिक्री होगी।
- पंचायतन मंदिर: इस मंदिर में पांच प्रमुख देवी-देवताओं – शिव, शक्ति, विष्णु, सूर्य और गणेश – की पूजा की व्यवस्था होगी।
- लेजर, जल और ध्वनि शो: उपनिषदों की कहानियां, संवाद, और श्री यंत्र की गहराइयों को रोशनी, ध्वनि और जल के जरिए जीवंत रूप में दिखाया जाएगा।
- अद्वैत वन: यहां वैदिक परंपरा के अनुसार 37,000 से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे और निधिवन व तपोवन जैसे हिस्से बनाए जाएंगे।
आगे की योजना
इस परियोजना का अगला बड़ा कदम होगा ‘आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान’ की स्थापना। यह संस्थान अद्वैत दर्शन पर शोध, अध्ययन और प्रचार-प्रसार का केंद्र बनेगा, जहां देश-विदेश के विद्वान जुड़ सकेंगे।
निष्कर्ष
ओंकारेश्वर में बनने वाला यह संग्रहालय सिर्फ एक धार्मिक या पर्यटन स्थल नहीं होगा, बल्कि यह भारत की गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को समझने का एक जरिया बनेगा।
यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि कैसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर हम अपने अतीत को वर्तमान से जोड़ सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को उससे जोड़ सकते हैं।
यह न सिर्फ मध्यप्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है, और आने वाले समय में यह दुनिया भर से लोगों को भारत की अद्वैत सोच से जोड़ने का काम करेगा।