A1 171 विमान क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट: मुख्य बिंदु
इस विमान को उड़ाने वाले पायलट, सह –पायलट क्लाइव कुंदर थे, जबकि कमांडर सुमीत सभरवाल इस उड़ान की निगरानी कर रहे थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों पायलटों ने पर्याप्त आराम किया था और सुबह ब्रेथलाइज़र टेस्ट भी करवाया था।
विमान के रखरखाव की जाँच भी सही समय पर हुई थी।
विमान के लगभग 400 फीट की ऊँचाई तक पहुँचने तक उड़ान सामान्य थी।
कॉकपिट पर रिकॉर्ड हुई पायलट की बातें
सबसे बड़ी बात है कि बोइंग 787-8 विमान के इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान भरने के कुछ समय बाद ‘रन’ से ‘कटऑफ़’ स्थिति में बदल गए।
जिससे चार दशकों में किसी भारतीय एयरलाइन से जुड़ी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना हुई।
विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो द्वारा की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पर एक पायलट दूसरे से बात कर रहा था।
यह पूछता हुआ सुनाई दे रहा है कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।
रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यह बात किसने किससे कही।
‘रन’ स्थिति में मिले स्विच
स्विच मलबे में, “रन” स्थिति में पाए गए।
एयरलाइन पायलटों और विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्विच का जानबूझकर या गलती से हिलना नामुमकिन है।
स्विच की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ ब्रैकेट लगे हैं।
इसके अलावा एक स्टॉप लॉक मैकेनिज्म भी है जिसके लिए पायलटों को स्विच को उसकी दो स्थितियों—”रन” और “कटऑफ”—से दूसरी स्थिति में ले जाने से पहले उसे ऊपर उठाना पड़ता है।
रिपोर्ट में अब तक साफ नहीं है कि स्विच किसी पायलट ने टॉगल किए गए थे या नहीं।
ये ईंधन स्विच आमतौर पर सिर्फ तभी हिलाए जाते हैं जब विमान ज़मीन पर हो या इंजन चालू या बंद करने हो।
उड़ान के दौरान इनमें से किसी भी स्विच को हिलाने की ज़रूरत तभी पड़ेगी जब कोई इंजन फेल हो जाए, या क्षति पहुँच जाए जिससे ईंधन की आपूर्ति बंद करनी पड़े।
पायलट ईंधन की आपूर्ति बंद और सुरक्षित रूप से वे तुरंत इसे चालू भी कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इंजन बंद होते ही रैम एयर टर्बाइन (RAT) चालू हो गई।
और स्विच वापस ऑन करते ही सहायक पावर यूनिट (APU) भी चालू हो गई।
दोनों इमरजेंसी बिजली स्रोत हैं।
RAT हवा से बिजली बनाती है और APU विमान के पिछले हिस्से में लगा छोटा टरबाइन इंजन है।
इनका सक्रिय होना इंजन के पूरी तरह शटडाउन या फ्लेमआउट की ओर इशारा करता है।

विमान निर्माताओं पर कोई कार्रवाई नहीं
जाँच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंजन संचालकों और निर्माताओं के लिए कार्रवाई नहीं की गई है।
इससे साफ है कि जाँचकर्ताओं को पूरा विश्वास है कि विमान या इंजन में कोई समस्या नहीं है।
इसलिए, आगे की जाँच का मुख्य बिंदु पायलट की कार्रवाई है।
अंतिम रिपोर्ट लगभग एक साल में आने की संभावना है, या उससे भी पहले आ सकती है।