नई दिल्ली, 24 मई – लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के हाथों पराजित हो चुके कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2024 में अगले लोकसभा चुनाव में फिर इस सीट से मैदान में होंगे।
कांग्रेस के एक नेता ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध के साथ कहा कि गांधी अमेठी कभी नहीं छोड़ेंगे।
नेता ने कहा, “उन्होंने अमेठी में ढेर सारे काम किए हैं और लगातार करते रहेंगे। और 2024 में वह फिर से चुनाव लड़ेंगे।”
गांधी इस बार अमेठी में चौथी बार मैदान में थे, लेकिन ईरानी के हाथों 55,000 वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने केरल की वायनाड सीट से एक रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज कराई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी तथा उसके बाद राजीव गांधी ने अमेठी में ढेर सारे काम किए हैं।
नेता ने कहा, “लोग अभी तक गांधी परिवार द्वारा इलाके में किए गए कार्य को याद करते हैं।” सवाल ही नहीं उठता कि गांधी परिवार इस सीट को छोड़ दे।
अमेठी में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में नेता ने कहा कि जीत-हार होती रहती है। “लेकिन हम 2024 में जोरदार मुकाबला पेश करेंगे।”
कांग्रेस 1967 से तीन बार अमेठी सीट हार चुकी है। कांग्रेस ने 1967 में अमेठी में जीत दर्ज की। 1977 के आम चुनाव में संजय गांधी यहां से जनता पार्टी के उम्मीदवार से हार गए। लेकिन 1980 में उन्होंने वापस इस सीट पर जीत दर्ज की। एक विमान दुर्घटना में 1981 में उनकी मौत के बाद राजीव गांधी ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। उसके बाद 1984 में और 1989 के चुनावों में भी उन्होंने इस सीट को बरकरार रखा।
राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद गांधी परिवार के घनिष्ठ मित्र कैप्टन सतीश शर्मा ने इस सीट से जीत दर्ज कराई।
उन्होंने 1996 में भी सीट बरकरार रखी। लेकिन 1998 में भाजपा के संजय सिंह के हाथों शर्मा चुनाव हार गए। उसके बाद सोनिया गांधी ने राजनीति में प्रवेश किया और 1999 में इस सीट पर जीत दर्ज कराई। सोनिया ने राहुल गांधी के लिए इस सीट को छोड़ दिया और उन्होंने बगल की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा। स्मृति के हाथों 2019 में हार से पहले राहुल गांधी इस सीट पर 2004, 2009 और 2014 में जीत दर्ज करा चुके थे।