Bihar Home Minister: बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। दरअसल, बिहार में करीब 20 सालों तक गृह मंत्रालय संभालने वाले नीतीश कुमार ने अब यह अहम जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंप दी है। यह पद सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक कसौटी भी माना जाता है। इसे में इस पद को संभालना उन्हें कई तरह की गंभीर चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि सम्राट चौधरी के सामने 8 बढ़ी चुनौती आ सकती है, जो कुछ इस प्रकार से है।
पहली चुनौती—नीतीश से तुलना
जैसे कि आप जानते हैं, जब भी बिहार में कानून-व्यवस्था का सवाल आता है, तो लोगों के दिमाग में नीतीश कुमार की छवि सामने आ जाती है। अपराध में कमी, फास्ट-ट्रैक कोर्ट और सीधी मॉनिटरिंग—इन सबने सीएम नीतीश पर भरोसा किया है। ऐसे में अब हर बड़ी घटना पर लोगों का पहला सवाल यही होगा कि अगर नीतीश होते तो…? यह तुलना सम्राट की सबसे बड़ी परीक्षा बनेगी।

दूसरी चुनौती—पुलिस सिस्टम के साथ तालमेल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार पुलिस प्रशासन पर मजबूत नियंत्रण रहा है। अफसरशाही जानती थी कि टॉप बॉस हर केस पर नजर रखता है। अब वही तंत्र सम्राट के अधीन है। उन्हें सिस्टम को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखते हुए ‘जीरो टॉलरेंस’ का संदेश मजबूती के साथ बनाए रखना होगा।
तीसरी चुनौती—भाजपा नेतृत्व की उम्मीदें
सम्राट सिर्फ गृह मंत्री ही नहीं, बीजेपी के बड़े चेहरों में से एक माने जाते हैं। चुनाव से लेकर जातीय समीकरण हर जगह उनसे उम्मीदें जुड़ी हैं। ऐसे में उन्हें राज्य में‘सुशासन’ ब्रांड को नया चेहरा देना होगा।
चौथी चुनौती—एनडीए में संतुलन
सीएम नीतीश खुद सत्ता का केंद्र थे, इसलिए तालमेल आसान था। लेकिन सम्राट को बीजेपी, जेडीयू और अन्य सहयोगियों के बीच रिश्तों को भी बनाए रखने हुए अपने पद की जिम्मेदारी को संभालना होगा।
पांचवीं चुनौती—सोशल मीडिया का दबाव
साल 2005 की तरह अब बिहार का माहौल आसान नहीं है। ऐसे में उन्हें हर एक चीज पर ध्यान रखते हुए कार्रवाई करनी होगी।
छठी चुनौती—अपनी पहचान बनाना
अगर वे मुख्यमंत्री नीतीश के मॉडल पर चलेंगे तो कहा जाएगा कि वह अभी भी पुराना सिस्टम ही चला रहे हैं और अगर बदलाव करेंगे तो तुलना होगी। ऐसे में उन्हें हार एक पहलू पर काम करते हुए अपनी जिम्मेदारी को संभालना है।
सातवीं चुनौती—सामाजिक तनाव रोकना
अक्सर देखा गया है कि बिहार में कई बार छोटे मामलों में भी जातीय या सांप्रदायिक तनाव जल्दी बढ़ जाते है। इसे में भी उन्हें ध्यान रखना होगा कि किसी भी स्तर पर हिंसा या बड़ा विवाद न हो और पुलिस पूरी तरह निष्पक्ष दिखे।
आठवीं चुनौती—अपनी सकारात्मक छवि बनाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह जवाबदेही, सादगी और निर्लिप्त प्रशासन यह उनके के लिए सबसे बड़ी लड़ाई साबित होगी। बिहार की जनता के मन में जगह बनाना किसी भी गृह मंत्री के लिए आसान नहीं है।
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